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शुक्रवार, जून 10, 2011

"झूठे मन्दिर की कथा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

♥ झूठे मन्दिर की कथा ♥
जिला चम्पावत में पूर्णागिरि के शैलशिखर पर
माता पूर्णागिरि विराजमान हैं
और कलकल निनाद करती हुई शारदा की पावन धारा
माँ के चरण पखार रही है!
-♥-
♥ झूठे का चढ़ाया हुआ मन्दिर ♥
-♥-
माँ पूर्णागिरि के महात्मय को सुनकर
प्राचीन समय में एक सेठ जी ने माता के दरबार में आकर 
पुत्र की कामना की और प्रण किया कि 
मेरे घर मे पुत्र का जन्म होगा तो 
माता को सोने का मन्दिर भेंट करूँगा! 
माता की कृपा से उसके घर एक पुत्र ने जन्म लिया 
तब उसने ताम्बे का यह मन्दिर बनवाया।

सोने जैसा दिखाई देने के लिए
सेठ जी ने इस पर सोने का पानी चढ़वा कर 
माता के दरबार में चढ़ाने के लेकर चल पड़ा!
उस समय माता जी के दरबार में जाने के लिए
मार्ग बहुत दुर्गम था।
इसलिए सेवकों ने टुन्नास नामक स्थान पर 
इसको रख दिया और विश्राम करने लगे।
लेकिन जब विश्राम करने के बाद 
सेवक इसको उठाने लगे तो  
यह मन्दिर उनके तथा सेठ के 
बहुत प्रयास करने पर भी यहाँ से उठा ही नही! 
क्योंकि माता को झूठे की यह भेंट स्वीकार नहीं की थी
तब से यह यहीं पर धरा हुआ है!

19 टिप्‍पणियां:

  1. यही तो मां का करिश्मा होता है और तभी दुनिया मानने को मजबूर हो जाती है……………अद्भुत जानकारी दी।

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    उत्तर
    1. आपने हमे सही जानकारी दी शुकि्या जय माता दी

      हटाएं
  2. dhany hua mata rani k darshan karke. aapki post padkar aisa laga jaise aapne apne grih nagar uttrakhand ki yad taaja kar di

    जवाब देंहटाएं
  3. रोचक और अच्‍छी जानकारी।
    मां की महिमा निराल होती है....

    भक्‍त यदि मां को धोखा देने की कोशिश करे तो मां सब समझ जाती है

    अच्‍छी और चित्रमय प्रस्‍तुति के लिए आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. ऐसी कथायें ही हमारे साहित्यिक और धार्मिक इतिहास को जिंदा रखती हैं आपको धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. रोचक और अच्‍छी जानकारी।
    अच्‍छी और चित्रमय प्रस्‍तुति, आभार......

    जवाब देंहटाएं
  6. यह सब कथाएँ हैं, फिर भी लोगों को ईश्वर पर भरोसा नहीं होता .... | ना ईश्वर पर, ना मनुष्य पर ...अद्भुत |

    जवाब देंहटाएं
  7. शास्त्री जी,
    झूठे मन्दिर के बारे में जाना, कल वाले लेख के साथ तो समझ में नहीं आ रहा था कि माजरा क्या है।

    जवाब देंहटाएं
  8. तभी तो हम कहते हैं वादा करो पत्थर से भी तो निभाओ। सही बात तो ये है कि वादा किसी से करो ही नहीं,जिसे पूरा न कर सको।

    जवाब देंहटाएं
  9. मंदिर तो है ही झूठा
    यह कथा भी झूठी है
    जो वेद में न हो वह ऊट पटाँग बात निश्चय ही झूठी है ।
    किसी पोप जी ने स्वयं यह रखवा दिया और देवी का चमत्कार घोषित कर दिया और आप जैसे आर्य विद्वान इस कथा को अपनी टिप्पणी और समीक्षा के बिना ही फैला रहे हैं ?
    कितने शोक की बात है ?
    एक आर्य होकर आप ज्ञान नहीं देंगे तो फिर कौन देगा ?

    जवाब देंहटाएं
  10. तभी तो हम कहते हैं वादा करो पत्थर से भी तो निभाओ। सही बात तो ये है कि वादा किसी से करो ही नहीं,जिसे पूरा न कर सको।

    Bahut Hi Sundar Chitranan

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत नयी जानकारी मिली शास्त्री जी ...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  12. झूठे मंदिर, सच्‍ची आस्‍था.

    जवाब देंहटाएं
  13. नई जानकारी है। राहुल जी ने सही कहा। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  14. सुन्दर प्रसंग, धन्यवाद इस जानकारी के लिये।

    ईश्वर मनुष्य को असत्य से दूर रहने के लिये कई बार ऐसे प्रसंग प्रस्तुत करते हैं।

    जवाब देंहटाएं
  15. मन में भरा होता है विकार और कामना रहती है अपने उपकार की।

    जवाब देंहटाएं

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कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।

मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!

"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)

शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
--
मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।