
फेस बुक पर भी बहुत से मित्र हैं मेरे और ब्लॉगिंग करने के नाते जी-मेल और ब्लॉगिस्तान में भी मेरे शुभचिन्तकों की कमी नहीं है!

मैंने उत्तर दिया कि आप कहाँ पर हैं इस समय!
महेन्द्र श्रीवास्तव जी ने उत्तर दिया कि मैं खटीमा के एरिया में ही आया हुआ हूँ और इस समय शहीद स्मारक के पास हूँ। आपका निवास कहाँ है? मैं आपसे मिलना चाहता हूँ! मैंने महेन्द्र श्रीवास्तव जी को कहा "आप आ जाइए, मेरा निवास स्थान सौरभ अस्पताल के बराबर में टनकपुर रोड पर है। वैसे आप खटीमा में यदि किसी से भी पूछ लेंगे कि शास्त्री जी का निवास कहाँ है तो वो आपको बता देंगे।"

महेन्द्र श्रीवास्तव जी से मिल कर मुझे ऐसा लगा कि जैसे कि हमारी बहुत पुरानी जान पहचान हो।

जैसे ही चाय समाप्त हुई, महेन्द्र श्रीवास्तव जी कहने लगे कि अब शाम घिरने लगी है, रात में शायद श्यामलाताल में ही विश्राम करना होगा।
तीसरे दिन सुबह सवेरे ही महेन्द्र श्रीवास्तव जी पुनः मेरे निवास पर आये और पर्यावरण पर मेरा एक छोटा सा इंटरव्यू भी लिया। बातों बातों में पता लगा कि पड़ोसी देश नेपाल के शहर महेन्द्रनगर "महेन्द्र श्रीवास्तव" न करें ऐसा भला कैसे सम्भव था। इन्होंने यहाँ भी एक रात गुजारी थी। यह थी एक सुखद और अप्रत्याशित भेंट आभासी दुनिया के एक मित्र से। जो मुझे हमेशा याद रहेगी।