ब्लागवाणी तथा चिट्ठा जगत को धन्यवाद,
जिन्होंने मेरे एक निवेदन पर ही
इस ब्लॉग को कुछ ही मिनटों में
अपने हृदय में स्थान दे दिया है।
सचमुच आज मुझे आभास हो रहा है कि
सिर्फ ब्लॉगर्स ही नही,
अपितु हिन्दी के सर्वोच्च एग्रीगेटर्स का भी
मुझे स्नेह और भरपूर सहयोग मिल रहा है।
सादर, आपका स्नेहाकांक्षी-

(चित्र - रावेंद्रकुमार रवि के कैमरे से साभार)