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सोमवार, अक्टूबर 25, 2010

"भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ" प्रस्तोता:डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")



मैं केवल अपनी संस्कृति की बात कर रहा हूँ!
किसी अन्य देश और धर्म की संस्कृति के विषय में मुझे टीका-टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है!
"भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ"
1- भारतीय संस्कृति ने जितने महापुरुष पैदा किये हैं इतने किसी संस्कृति या धर्म ने पैदा नहीं किये! "अहिंसा परमो धर्मः" का सिद्धान्त अन्य किसी संस्कृति में विद्यमान नही है!
2- भारतीय संस्कृति में पाप से लड़ने और मन की शान्ति के लिए जितने उपाय है उतने किसी में नहीं। तभी तो विदेशी यहाँ पर शान्ति की खोज में आते हैं!
3- प्राचीनतम वेद-शास्त्र, दर्शन, गीता, रामायण आदि जितने पुरातन धार्मिक ग्रन्थ भारतीय संस्कृति में हैं इतने किसी अन्य संस्कृति में नहीं हैं!
4- मधुर-व्यवहार, ईमानदारी, पुरुषार्थ, प्रखर मस्तिष्क और कार्यकुशलता जितनी हमारे भारत देश में है इतनी विश्व में कहीं नही है! तभी तो हमारे देश के लोगों की माँग विश्व के हर देश में है!
5- भारतीय संस्कृति में पत्नी पति की अर्धांगिनी है तथा जीवन भर की संगिनी है लेकिन अन्य देशों में यह नहीं है। 

बुधवार, जून 30, 2010

“दादागिरी, नेतागिरी के बाद ब्लॉगिरी” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)


♥ हकीकत यानि वास्तविकता ♥

imageऔर
imageके बाद अब
imageअगर दिल की बात कहूँ तो 
मुझे नफरत सी हो गई है इस गिरी शब्द से!
समझ में ही नही आ रहा कि
image को कैसे ज्वाइन करूँ?
imageऔर
imageको तो अपना निवेदन पंजीकृत करा देते थे
और इन एग्रीगेटरों के प्रबन्धक ब्लॉगों को 
जाँच-परखकर शामिल कर देते थे!
परन्तु
imageमें तो कुछ समझ में ही नही आ रहा कि 
इसे किस प्रकार ज्वाइन किया जाये!
ऊपर से झंझट यह भी है कि हर बार लिखो और
ब्लॉगिरी में पोस्ट करो!
नही चाहिए मुझे ब्लॉगिरी की दादागिरी!
इससे तो अच्छे हैं
FEED CLUSTER
के ये व्यक्तिगत एग्रीगेटर!
निवेदन भेजो और शामिल हो जाओ!
आपके द्वारा भेजे गये पते की FEED भी
इसमें स्वचालित व्यवस्था के द्वारा
स्वयं ही आ जाती हैं!
तो आप भी भेज दीजिए ना!
अपने ब्लॉग का URL
मेरे इस निजी एग्रीगेटर पर! 
लेकिन इतना अवश्य ध्यान रखिए कि
imageका कोई विकल्प नही है!
इस सन्दर्भ में देखिए
समीर लाल जी से हुई मेरी आज की वार्ता-

Udan Tashtari के साथ चैट करें

सभी को उत्तर दें|
Udan Tashtari
मुझे
विवरण दिखाएँ ४:४९ AM

४:४९ AM मुझे: नमस्कार! समीर लाल जी!
ब्लॉगवाणी कब तक सक्रिय हो जायेगी?
 ४:५० AM कुछ जानकारी हो तो बताइएगा!
४:५१ AM "ब्लॉगिरी" क्या है? इस नये एग्रीगेटर को केसे ज्वाइन करें?
४:५२ AM हमारी तो नींद खुल गई है! आप शायद सोने की तैयारी कर रहे होंगे!

Udan: ब्लॉगवाणी शीघ्र ही वापस आना चाहिये. किंचित व्यापारिक व्यस्तताओं के चलते अभी मन हटा हुआ है कि उसे सुधारा जाये किन्तु आना तो है ही.
४:५३ AM ब्लॉगीरी आज ही देखा और पंजीयन किया खुद का. अभी स्वयं भी समझ ही रहा हूँ. रजिस्टर करने का टैब है उस पर.

४:५४ AM मुझे: जी हम भी कोशिश करते हैं! मगर सारे व्लॉग कैसे आ पायेंगे?

Udan: अभी तो शाम का ७.३० बजा है. सोना ११ तक होता है और फिर वापस जागना ३/३.३० तक

४:५५ AM मुझे: क्या सभी में लिखी गई पोस्टों को हर वार लिखने के बाद डालना पड़ेगा!

Udan: ऐसे ही धीरे धीरे जानेंगे किन्तु इसमें भी हर बार लिखने के बाद स्टोरी सब्मिट करने जाना पड़ता है. अपने आप नहीं लेता शायद.
जी

४:५६ AM मुझे: अरे इससे तो अपना चिट्ठा जगत बहुत ही बेहतर है!

Udan: जी, निश्चित तौर पर चिट्ठाजगत बेहतर है

४:५८ AM मुझे: तकनीकीरूप से, हरेक ब्लॉगर का हिसाब - किताब रखना, ट्रैफिक पर नजर रखना, सक्रियता दिखाना! यह सब तो सिर्फ चिट्ठा जगत ही कर सकता है!

४:५९ AM Udan: जी, वो और ब्लॉगवाणी विकसित तकनीक पर बने हैं मगर लोग उनकी मेहनत समझने को तैयार ही नहीं

५:०० AM मुझे: मन चाहे ब्लॉगरों की फीड प्राप्त करने के लिए तो फीड क्लस्टर पर बने लोकल एगेरीगेटर भी अच्छा काम कर रहे हैं!

Udan: देखा मैने फीड क्लस्टर भी. ठीक है वो भी.

५:०१ AM मुझे: अच्छा जी ! बॉ.बॉय!

Udan: नमस्कार, शुभ दिवस!

मंगलवार, अप्रैल 13, 2010

“ये ज़िन्दगी के मेले…..” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)

ब्लॉगिंग तो छोड़नी  है लेकिन..”


 उतर भी आओ अब तो साथ लगी सीढ़ी से!


तुम्हें तो ब्लॉग की दुनिया अभी सजानी है!


जी हाँ यह शाश्वत सत्य है कि
एक दिन ब्लॉगिंग ही नही
दुनिया भी छोड़नी पड़ेगी!
लेकिन
मैं ढिंढोरा पीटकर नहीं छोड़ूँगा!
आये थे अपनी मर्जी से
बिना शोर-शराबे के
और बिना किसी को बताए हुए !
भई हम तो जब जायेंगे
बिना किसी शोर शराबे के ही चले जायेंगे!
न कोई मुहूर्त
और न कोई दिन बार!
न त्याग पत्र देंगे
और न ही किसी को कोई सूचना देंगे!
न कोई स्वागत करेगा
और न ही कोई भाव-भीनी विदाई देगा!
मैंने ब्लॉग जगत में कई बार पढ़ा है कि
अमुक ब्लॉगर ने ब्लॉगिंग छोड़ने की घोषणा कर दी है!
लेकिन एक विदेशी मूल की महिला की भाँति कोई भी अपने निर्णय पर अडिग नही रह सका!
परन्तु हम तो-
जब मन होगा आयेंगे
और जब मन होगा जायेंगे!
यही तो ब्लॉगिंग का मज़ा है!



ये ज़िंदगी के मेले
दुनिया में कम न होंगे,
अफ़सोस हम न होंगे...

मंगलवार, अक्टूबर 27, 2009

"नाम के कुत्ते - काम के वफादार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")




स्वामीभक्ति की 
जीती-जागती मिसाल -


नाम के कुत्ते - 
काम के वफादार,


बिन झोली के भिखारी
रोटी के 
चन्द टुकड़ों के लिए -


स्वामी पर 
जान न्योछावर करने वाले-

इन सदस्यों के हवाले 
आज घर की

पूरी रखवाली सौंपकर
दिल्ली जा रहा हूँ।


परसों
फिर ब्लॉगिंग की 
सेवा में 
हाजिर हो जाऊँगा।


तब तक के लिए
नमस्ते!!!


मोबाइल नं.
09368499921
09997996437

कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।

मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!

"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)

शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
--
मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।