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शुक्रवार, अक्तूबर 09, 2009

"दो तोतों की कथा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")



एक बहेलिया बाजार में घूम रहा था। उसके पास दो तोतों के पिंजड़े थे। दोनों में एक से ही तोते बन्द थे और समान आयु के ही लगते थे। 
बहेलिए के पास जो भी ग्राहक आता वह उनकी कीमत सुनकर आगे बढ़ जाता था।
अन्त में एक धनी ग्राहक आया। उसने बहेलिए से इन तोतों की कीमत पूछी।
बहेलिए ने कहा- "यह तोता 100 रुपये का है।"


ग्राहक ने पूछा- "और यह तोता कितने का है?"
बहेलिए ने उत्तर दिया- "यह तोता 20 रुपये का है।"

धनी ग्राहक ने जब इसका कारण पूछा तो बहेलिए ने कहा- "साहब इन दोनो को अपने साथ घर ले जाइए। आपको इनका अन्तर पता लग जायेगा।"
धनी ग्राहक कीमत देकर खुशी-खुशी दोनों तोतों को अपने घर ले आया।
अगले दिन जब सुबह को यह धनी व्यक्ति सोकर उठा तो सवसे पहले वो 100 रुपये वाले तोते के पास गया।
तोता उससे बड़ी मीठी वाणी में बोला- "स्वागतम! आपका दिन शुभ हो!!"
धनी व्यक्ति तोते की वाणी सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ।
अब यह उत्सुकतावश् 20 रुपये वाले तोते के पास गया। यह तोता इसे देखते ही चिल्लाने लगाः "कमीने! हरामी!! मैं तेरा खून पी जाऊँगा।"
धनी व्यक्ति यह नज़ारा देखकर दंग रह गया। उसने अपने नौकरों से इसे मार डालने का आदेश दिया।
इस पर 100 रुपये वाले तोते ने कहा- "मालिक साहब! इसे मारिए मत, यह मेरा भाई है। मैं आपके पास आने से पहले एक साधू के पास रहता था। लेकिन दुर्भाग्यवश् इसे एक डाकू पकड़कर ले गया था। बुरी संगति के कारण ही यह ऐसे बोलता है।"
इस तोते ने आगे कहा- "शठ् सुधरहिं सत् संगति पाई। अब यह मेरी संगति पाकर सुधर जायेगा।"
अब दोनों तोतों के मूल्य का अन्तर धनी व्यक्ति की समझ में आ गया था।

15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर कहानी है और इससे ये शिक्षा मिलती है कि कोई भी इंसान हो या जानवर या पक्षी, कभी बुरा नहीं होता बल्कि संगती उसे बुरा बना देता है! ये बात बिल्कुल सही है कि अब वो तोता अपने भाई के संगती में रहकर एकदम सुधर जाएगा ! बड़ा अच्छा लगा ये कहानी और तोता बेचने वाला भी चालाक था जो बेचने वक्त वजह नही बताया की दाम में इतना फर्क क्यूँ है!

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  2. बहुत अच्छी और प्रेरणा दायक कहानी..........

    बधाई हो मयंक जी !

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  3. संगति का असर ..बहुत बढ़िया कहानी..धन्यवाद शास्त्री जी

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  4. संगत का असर जरुर होता है, बहुत सुंदर जी.
    धन्यवाद

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  5. शास्त्री जी, एक अच्छी प्रेरणादायक कथा...आपकी ये कहानी मैंने अपनी ८ वर्षीय पुत्री को थोड़े फेर-बदल के साथ बेड-टाइम स्टोरी की तरह सुनाई. उसे भी बहुत अच्छी लगी...आभार

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  6. sangat ka asar kaisa hota hai ..........yahi darshati hai kahani...........bahut sundar kahani

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  7. I have seen your comments on Babli Didi's blog.So today i thought i must check your blog too..I must say you are a wonderful writer.You really mould the words in a prefect manner.Great blog you have..

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  8. इसीलिए तो कहा है ....पाप से नफरत करो पापी से नहीं ....

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  9. कुछ तोते संसद मे भिजवा दीजिये ... 100 रु. वाले

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कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।

मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!

"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)

शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
--
मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।