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सोमवार, सितंबर 28, 2009

‘‘आजादी का जश्न’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘‘मयंक’’)

लघु-कथा


गर्मियों के दिन थे। अतः सुबह के दस बजे भी काफी गरमी थी।
एक बहेलिये ने 25-30 तोतों को एक बड़े से जालीदार पिंजड़े में कैद कर रखा था। गरमी और प्यास के कारण कुछ तोतों के मुँह खुले हुए थे, कुछ 
तोते हाँफ रहे थे और कुछ तोते अनमने से पड़े थे।
बहेलिया आवाज लगा-लगा रहा था- 
‘‘तोते ले लो........तोतेएएएएएएएएएए!’’ 
सामने एक सर्राफ की दूकान थी। दूकान पर बैठे लाला जी ने जब बहेलिए 
को देखा तो उसे इशारे से अपने पास बुलाया।उन्होंने बहेलिए से पूछा कि सारे तोतों के दाम बताओ।बहेलिए ने सारे तोतों के दाम पाँच सौ रुपये बताए। मोल-भाव करके लाला जी ने चार सौ रुपये में सारे तोते खरीद लिए। 

अब बहेलिए ने कहा कि लाला जी पिंजड़े मँगाइए। 
लाला जी ने जब यह सुना तो बहेलिए के हाथ में चार सौ रुपये देकर पिंजड़े का दरवाजा खोल दिया। 

एक-एक करके तोते आसमान में उड़ने लगे। जब तक उनका एक-एक साथी आजाद नही हो गया वो सभी वहीं आसमान में चक्कर लगाते रहे। सब तोते रिहा होते ही झुण्ड के रूप में एक तालाब पर गये। जी भरकर उन्होंने पानी पिया। अब तोते बहुत खुश थे। वे सबके-सब तालाब के किनारे पेड़ पर बैठ कर कलरव कर रहे थे। उनके हाव-भाव देख कर ऐसा लग रहा था जैसे कि कोई देश आजाद हुआ हो और उसके बाशिन्दे मिल कर आजादी का जश्न मना रहे हों।

4 टिप्‍पणियां:

  1. gulami to kisi ko bhi mili ho buri hi hoti hai aur azadi ka jashn sab ek hi tarah se manate hain phir chahe insaan hon ya panchi .sundar aur prernadayi kahani hai.

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  2. यह कथा इस विचार को भी जन्म देती है कि लालाजी ने जो किया वह इस समस्या का स्थाई हल नहीं है।
    सरकार व समाज को चाहिए कि बहेलियों की रोजी-रोटी का प्रबंध करे ताकि वह पुनः तोतों को पकड़कर बेचने का प्रयास न करे।

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  3. सुन्दर लघुकथा! सचमुच उनका देश ही आजाद हुआ था. मगर जब तक उन्हें गुलाम बनाने वाला बहेलिया छुट्टा घूम रहा है उनकी आज़ादी खतरे में ही है.

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कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।

मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
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4- Google Map is not working.
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6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!

"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)

शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
--
मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।