राजेन्द्र प्रसाद पी.जी.कॉलेज,मीरगंज (बरेली)
के बी.एड. के छात्रों का एक टूर
सरस्वती यात्रा के लिए
खटीमा एवं समीपवर्ती क्षेत्रों को
देखने के लिए आया।
जिसमें महाविद्यालय के बी.एड. विभागाध्यक्ष
डॉ.नागेश पाण्डेय 'संजय' के साथ
डॉ.रमाजैन (प्रभारी-ग्रुप ए),
डॉ.अनीस अहमद (प्रभारी-ग्रुप बी),
डॉ.अंशुल शर्मा (प्रभारी-ग्रुप सी),
डॉ. ऋषि कपूर (प्रभारी-ग्रुप डी),
और कुलदीप श्रीवास्तव टूरप्रभारी थे।
और कुलदीप श्रीवास्तव टूरप्रभारी थे।
सबसे पहले नानक सागर बाँध!
अब नानकमत्ता की बाउली साहिब की सैर!
यहाँ पर स्वागत के लिए
यह नन्हा चौकीदार भी मुस्तैद था!
इसके बाद नानकमत्ता साहिब
के गुरूद्वारा साहिब में सभी लोग
मत्था टेकने के लिए गये!
यहाँ पर प्राचीन पीपल साहिब (पंजा साहिब)
की छाँव का आनन्द उठाते हुए टूर के सदस्यगण।
अरे वाह!
लॉन में कितने सुन्दर फूल खिले हैं!
गुरूद्वारा परिसर में
सरोवर की छटा तो निराली है!
दर्शन के पश्चात सभी लोग
यात्रीनिवास के हाल कक्ष में एकत्रित हुए!
यहाँ एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
जिसकी अध्यक्षता
सरस पायस के सम्पादक-रावेन्द्र कुमार रवि ने की।
गोष्ठी के मुख्यअतिथि
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक थे।
इस अवसर पर मयंक जी ने
अपनी 4 पुस्तकें महाविद्यालय के
बी.एड. विभागाध्यक्ष
डॉ.नागेश पाण्डेय 'संजय' को भेंटस्वरूप दीं।
गोष्ठी के उपरान्त मुख्य अतिथि
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक और
अध्यक्षता कर रहे रावेन्द्र कुमार रवि को
महाविद्यालय की ओर से
स्मृतिचिह्न भी दिये गये।
आभार प्रदर्शन करते हुए कॉलेज का एक मेधावी छात्र।
इसके बाद सब लोग दूधवाला कुआँ भी देखने गये।
इसके बाद सभी ने गुरूद्वारे में लंगर छका।
अब दोपहर ढलने लगी थी
अतः सभी लोग भारत नेपाल सीमा पर स्थित
बनबसा बैराज को देखने के लिए चले गये।
इस प्रकार सरस्वती यात्रा पर निकला
राजेन्द्र प्रसाद पी.जी.कॉलेज,मीरगंज (बरेली)
के बी.एड. के छात्रों का टूर सम्पन्न हुआ
और अपनी बस में बैठकर
वापिस बरेली की ओर चल पड़ा।