विगत 30 वर्षों से मैं ईद के मुबारक मौके पर
अपने शहर की ज़ामा मस्जिद में
अपने मुसलमान भाइयों को
मुबारकवाद देने के लिए जाता रहा हूँ।
इस साल भी जैसे ही मेरी घड़ी ने सुबह के 10 बजाए
मैं जामा मस्जिद पहुँच गया।
यहाँ पर कानून व्यवस्था के मद्देनजर
पुलिस का भी भारी इन्तजाम था।
सबसे पहले में अपने मित्रों से मिला।
जिसमें मेरी पार्टी के लोग,
खटीमा शहर के परगना मजिस्ट्रेट,
पुलिस क्षेत्राधिकारी, शहर कोतवाल आदि थे।
इनमें वो भी तमाम लोग थे
जो उत्तराखण्ड में 2012 के विधानसभा चुनाव में
अपने को सम्भावित प्रत्याशी के रूप में अपने को देख रहे हैं।
इस मौके पर खटीमा की ज़ामा मस्ज़िद में
काफी चहल-पहल थी।
ईद की नमाज़ के लिए लोगों की ज़मात लगी थी।
लोग अपनी इबादत में देश में अमन-ओ-अमान की दुआ कर रहे थे।
मस्जिद के भीतर जगह कम पड़ जाने के कारण
उसके बाहर बने प्रांगण मे भी जमात के लिए
नमाज़ अता करने के लिए
टेंट लगाया गया था।
यहाँ भी नमाज पढ़ने वालों का काफी हुज़ूम था।
जैसे ही नमाज अता हुई लोगों का
मस्ज़िद से बाहर निकलने का सिलसिला शुरू हो गया।
इस मौके पर लोग खैरात करते हुए भी देखे गये।
मैं भी अपने मित्रों के साथ अपने मुसलमान भाइयों को
मुबारकवाद देने की इन्तजार में खड़ा था।
अब गले मिलने का सिलसिला शुरू हो गया था।
इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी के सम्भावित प्रत्याशी
डॉ. जी.सी.पाण्डेय भी मौजूद थे।
खटीमा के वर्तमान विधायक माननीय गोपाल सिंह राणा भी
लोगों को बधाइयाँ दे रहे थे
ईद के इस मेले में काफी लोग खरीदारी भी कर रहे थे।