कोठी-कुठले सभी तुम्हारे, चाबी को मत हाथ लगाना। सुख हैं सारे साथ हमारे, तुम दुख में मुस्काते रहना।। ----------------------------------- इशारों-इशारों में हम कह रहे हैं, अगर हो सके तो इशारे समझना। मेरे भाव अल्फाज बन बह रहे हैं, नजाकत समझना नजारे समझना। अगर हो सके तो इशारे समझना।। ----------------------------------- हमारी वेदना यह है कि हमने एक घर में साझा कर लिया। बहुत से सुनहरी स्वप्न सजाए। घर को धन-धान्य से परिपूर्ण कर दिया। लेकिन आज भी हम अपने साझीदार के लिए सिर्फ और सिर्फ कमाने की मशीन हैं। यानि सबसे ज्याद मेंहनत हमने ही की। जिस तिजोरी को हम परिश्रम करके आज तक भर रहे हैं, अफसोच् कि उसकी चाभी आज भी हमारे पास नही है। इसीलिए तो हमने अपना नया घर बना लिया है। ------------------------------------ संयुक्त परिवारों की यही तो वेदना है कि घर का स्वामी अन्य सद्स्यों को केवल कमाने की मशीन समझता है। शायद इसीलिए नये घर बन जाते हैं। पुराने घर से मोह तो रहता है लेकिन अपने पराये की भावना तो आ ही जाती है। यदि घरों को टूटने से बचाना है तो गृह स्वामियों को घर के सभी सदस्यों को कर्तव्य के साथ अधिकार भी देने होंगे। ------------------------------------ गीत पुराने, नये तराने अच्छे लगते हैं। मीत पुराने, नये-जमाने अच्छे लगते हैं। ----------------------------------- |
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सोमवार, दिसंबर 21, 2009
"तिजोरी आपकी है?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।
मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!
"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
>> 17 January, 2013 – चेतावनी, नापतोल.कॉम चैनल से कोई सामान न खरीदें
जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)
शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
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मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।
अपने पराये की भावना आने पर ही तो परिवार में बिखराव होता है
जवाब देंहटाएंवाह शास्त्री जी बहुत सुंदर विचार हैं ..
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी-सदा से यही होता आया है इसलिए अपना घर भी होना जरुरी है। फ़िर चौका चुल्हा भी अपना और तिजोरी भी अपनी। बहुत सुंदर विचार
जवाब देंहटाएं"यदि घरों को टूटने से बचाना है तो गृह स्वामियों को घर के सभी सदस्यों को कर्तव्य के साथ अधिकार भी देने होंगे।"
जवाब देंहटाएंबेहद जरूरी सन्देश !
अति सुन्दर विचार ।
जवाब देंहटाएंपूरी धरती को एक परिवार की तरह जोड़ने के दावे के साथ परिवारों की यह टूटन आज के युग की विडम्बना है . मयंक जी, आप ने इसे बखूबी व्यक्त किया है .
जवाब देंहटाएंaapne to bahut hi khoobsoorti se sanyukt aur ekal pariwar ka dard bayan kar diya.........bahut hi badhiya salaah hai agar log in par amal karne lagein to aaj bhi pariwar jude rahein ........samasya to sirf yahi hai ki koi bhi apna adhikar chodna nhi chahta aur kartavyon ki ummeed sabse ki jati hai agar bujurg pahal karke satta saunpne ki koshish karein to aaj bhi pariwar pahle jaise hi khushhal ho jayein.
जवाब देंहटाएंएकदम सही कहा आपने ।
जवाब देंहटाएंगीत पुराने, नये तराने अच्छे लगते हैं।
मीत पुराने, नये-जमाने अच्छे लगते हैं।
अहिंसा का सही अर्थ
शायद इसी लिए आज हमारे नेता देश मे राज्यों मे से भी नये राज्य की माँग कर रहे हैं.....
जवाब देंहटाएंबढ़िया पोस्ट है।बधाई।
बहुत सुन्दर विचार हैं । धन्यवाद। कविता भी बहुत अच्छी लगी। बधाई
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