यदि संयुक्ताक्षर शब्द के अर्थ पर ध्यान दें तो संयुक्त + अक्षर। अर्थात् दो या दो से अधिक अक्षरों के मेल से बने अक्षरों को संयुक्ताक्षर कहते हैं। देखने में यह आया है कि विद्वानों ने ‘‘क्ष’’ ‘‘त्र’’ ‘‘ज्ञ’’ को तो हिन्दी वर्णमाला में सम्मिलित करके या तो इन्हें प्रिय मान लिया है या इन्हें संयुक्ताक्षर की परिधि से पृथक कर दिया है। यह मैं आज तक समझ नही पाया हूँ। जबकि संयुक्ताक्षरों की तो हिन्दी में भरमार है। फिर ‘‘क्ष’’ ‘‘त्र’’ ‘‘ज्ञ’’ को हिन्दी वर्णमाला में क्यों पढ़ाया जा रहा है? कहने का तात्पर्य यह है कि हिन्दी का ज्ञान प्राप्त करने वाला विद्यार्थी कभी इनकी तह में जाने का प्रयास ही नही करता है। इसीलिए आज इनका उच्चारण भी दूषित हो गया है। क् + ष = क्ष, इसका उच्चारण आज ‘‘छ’’ ही होने लगा है। त् + र = त्र, इसकी सन्धि पर किसी का ध्यान ही नही है और ज् + ञ = ज्ञ, सबसे अधिक दयनीय स्थिति तो ‘‘ज्ञ’’ की है। ‘‘ज्ञ’’ का उच्चारण तो लगभग ९९.९९ प्रतिशत लोग ‘‘ग्य’’ के रूप में करते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि यह पढ़े-लिखे लोग हिन्दी की वैज्ञानिकता को झुठलाने लगे हैं। आखिर इस स्थिति का जिम्मेदार कौन हैं? मैं इसका यदि सीधा-सपाट उत्तर दूँ तो- इसकी जिम्मेदार केवल और केवल ‘‘अंग्रेजी’’ है। उदाहरण के लिए यदि ‘‘विज्ञान’’ को रोमन अंग्रेजी में लिखा जाये तो VIGYAN विग्यान ही लिखा जायेगा। यही हमारे रोम-रोम में व्याप्त हो गया है। आज आवश्यकता है कि हिन्दी वर्णमाला में से ‘‘क्ष’’ ‘‘त्र’’ ‘‘ज्ञ’’ संयुक्ताक्षरों को बाहर कर दिया जाये। तभी तो संयुक्ताक्षरों का मर्म हिन्दी शिक्षार्थियों की समझ में आयेगा। तब अन्य संयुक्ताक्षरों के साथ - घ् + र = घ्र, घ् + न = घ्न, ष् + ट = ष्ट, आदि के साथ क + ष = क्ष, त् + र = त्र, ज् + ञ = ज्ञ और श् + र = श्र सिखाया जा सकेगा। |
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बुधवार, सितंबर 16, 2009
‘‘हिन्दी संयुक्ताक्षर’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।
मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!
"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
>> 17 January, 2013 – चेतावनी, नापतोल.कॉम चैनल से कोई सामान न खरीदें
जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)
शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
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मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।
ज्ञानवर्धक जानकारी
जवाब देंहटाएंआभार
बी एस पाबला
उपयोगी ज्ञान। इसे फैलाना आवश्यक है।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही बात है शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जानकारी.. आपकी इस शृंखला से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है.. कृपया इसे जारी रखें.. हैपी ब्लॉगिंग
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी.
जवाब देंहटाएंआभार
अच्छी जानकारी शास्त्री जी.......
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी और ज्ञानवर्धक पोस्ट. सभी के लिए उपयोगी.
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा !!
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी नमस्कार
जवाब देंहटाएंआपकी बातें बिल्कुल ठीक हैं
परन्तु जरूरत वर्णमाला के उच्चारण को एमपी3 बनाकर आप अपने ब्लॉग पर
डालने की कृपा करें। इसके बिना समाधान मुिश्कल है।
रही बात संयुक्त व्यंजनों की इनके लिए यूनिकोड़ में भी सुविधा कम है।
हम सब लोग काम चलाने वाले बन गए हैं।
एक दूसरे को कुछ कहने और एक दूयरे से कुछ सुनने में गुरेज़ कर रहे हैं।
हम सब को कुछ कश्ट सहकर इस काम को ठीक करना होगा।
आशा है आप जैसे निश्ठावान इसे देश की सेवा मान कर जरूर प्रयास करते
रहेंगे।
रमेश सचदेवा `आचार्य´
एचपीएस सीनियर सैकेण्डरी स्कूल
शेरगढ, मंडी डबवाली
सही बात शास्त्री जी लेकिन जो रोमन मे है वही लोगो के रोम रोम मे है
जवाब देंहटाएंbahut hi upyogi aur gyanvardhak jankari uplabdh karwayi hai............aabhar.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी, महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक जानकारी दी है आपने !
जवाब देंहटाएंसंयुक्ताक्षरों बहुत दिनों बाद कुछ पढ़ा .... अच्छा लगा...धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंbahut hi gyanvardhak jaankaaari....... hum to ab tak ke iska matlab galat hindi ka istemal kar rahe they......
जवाब देंहटाएंनही डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी में आपकी बात से सहमत नही हुं
हटाएंVIGYAN विग्यान यह दोनों ही है [ ज्ञ } अक्षर के साथ ं की मात्रा का समावेश भी होताहै।
990 427 1497
हटाएंaksharvigyan.com
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