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सोमवार, दिसंबर 27, 2010

"आप सादर आमन्त्रित है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

आज छोटा बेटा दिल्ली से लौटा है!
कह रहा था कि वहाँ भयंकर सरदी और कुहरा पड़ रहा है!
मगर खटीमा में तो बहुत अमन-चैन है!
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यहाँ न ही कुहरा है तथा न ही भयंकर सरदी है!
दिन में खूब खिली हुई धूप निकलती है! 
इस गुनगुनी धूप को सेंकने में तो दोपहर में पसीना आ जाता है!
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तो फिर असमंजस किस बात का 9 जनवरी को आइए न खटीमा!
8 जनवरी को सेकेण्ड सटरडे है और 9 जनवरी को सण्डे है!
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प्रिय ब्लॉगर मित्रों!
अपार हर्ष के साथ आपको सूचित कर रहा हूँ कि 
नववर्ष 2011 के आगमन पर देवभूमि उत्तराखण्ड के 
खटीमा नगर में 
एक ब्लॉगरमीट का आयोजन 9 जनवरी, 2011, रविवार को 
किया जा रहा है!
इस अवसर पर आप सादर आमन्त्रित हैं।

विस्तृत कार्यक्रम निम्नवत् है-
खटीमा की दूरी निम्न नगरों से निम्नवत् है-

मुरादाबाद से 160 किमी
रुद्रपुर से 70 किमी
बरेली से 95 किमी
पीलीभीत से 38 किमी
हल्द्वानी से 90 किमी
देहरादून से 350 किमी
हरिद्वार से 290 किमी
दिल्ली से 280 किमी
लखनऊ से 280 किमी है।
♥ दिल्ली आनन्द विहार से दो दर्जन रोडवेज की बसें प्रतिदिन 
खटीमा के लिए आती हैं। 
कश्मीरीगेट से प्रतिदिन दो प्राईवेट लग्जरीबसें 
2बाई2 रात को 9 बजे खटीमा के लिए चलती हैं, 
जो सुबह खटीमा आ जाती हैं। 
जिनका किराया रोडवेज से कम है।
♥ दिल्ली से शाम को 4 बजे सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस 
काठगोदाम के लिए चलती है, -
जो रात्रि 8:30 पर रुद्रपुर आ जाती है। 
रुद्पुर से खटीमा मात्र 70 किमी है। 
रोडवेज की बसे दिल्ली आनन्दविहार से 
खटीमा के लिए चलती रहती हैं। 
इसके अलावा प्रातः 9 बजे ओर रात को 9-30 पर भी ट्रेन 
रुद्पुर के लिए मिलती हैं।
♥ लखनऊ से ऐशबाग स्टेशन से खटीमा के लिए 
नैनीताल एक्सप्रेस में 3 रिजर्वेशन कोच टनकपुर के लिए लगते हैं। 
जो खटीमा प्रातःकाल पहुँच जाते हैं।
♥ लखनऊ से बरेली बड़ी लाइन की ट्रेन तो 
समय-समय पर मिलती ही रहती हैं। 
बरेली से रोडवेज की बसें बरेली सैटेलाइट बसस्टैंड से 
अक्सर मिलती रहती हैं। 
जो दो घण्टे में खटीमा पहुँचा देती हैं।
♥ देहरादून से रात को 10 बजे काठगोदाम एक्सप्रेस चलती है। 
जो प्रातः 5 बजे रुद्पुर पहुँच जाती है। 
यहाँ से रोडवेज की बस डेढ़ घण्टे में खटीमा पहुँचा देती है।
♥ हरिद्वार से भी 11 बजे रात्रि में 
काठगोदाम एक्सप्रेस पकड़ कर आप रुद्पुर उतर कर 
खटीमा की बस से यहाँ आ सकते हैं।
♥ हरिद्वार और देहरादून से बहुत सी बसें 
खटीमा के लिए चलती हैं।
मान्यवर मित्रों! 
आप खटीमा 9 जनवरी को अवश्य पधारें!
यहाँ सिक्खों का गुरूद्वारा श्री नानकमत्तासाहिब में मत्था टेकें।
माँ पूर्णागिरि के दर्शन करें। 
नेपाल देश का शहर महेन्द्रनगर यहाँ से मात्र 20 किमी है।
आप नेपाल की यात्रा का भी आनन्द लें।
मैं आपकी प्रतीक्षा में हूँ!



अपने आने की स्वीकृति मेरे निम्न मेल पते पर देने की कृपा करें।
Email- rcshashtri@uchcharan.com

डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
टनकपुर रोड, खटीमा,
ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - 262308.
Phone/Fax: 05943-250207, 
Mobiles: 09368499921, 09997996437, 09456383898

बुधवार, दिसंबर 15, 2010

" संस्मरण शृंखला-1" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

प्रिया स्कूटर
1976 की बात है! मैं तब बनबसा जिला नैनीताल में रहता था। 
उन दिनों मुझे नई-नई चीजे खरीदने का बहुत शौक था। तभी मुझे किसी काम से दो दिन के लिए दिल्ली जाना पड़ा। लेकिन डेढ़ दिन में ही काम निबट गया । समय काटने के उद्देश्य से मैं करौलबाग के दुपहिया वाहनों के बाजार में चला गया!
तब "प्रिया" स्कूटर का बड़ा चलन था। बाजार में मुझे एक प्रिया स्कूटर पसंद आ गया। जिसे मैंने 5800 रुपयों में खरीद लिया।
अब इसको बनबसा ले जाने की समस्या थी!
एक बार तो मन में विचार आया  कि कल सुबह इसको चलाकर ही शाम तक बनबसा पहुँच जाऊँगा। मगर तभी इरादा बदल गया और मैं स्कूटर पर सवार होकर कश्मीरीगेट अन्तर्राज्यीय बस स्टैण्ड पर चला गया। देका तो टनकपुर-डिपो की बस तैयार खड़ी थी। जिसमें नेपाली सवारियों की भरमार थी!
मैंने कणडक्टर और ड्राईवर से कहा कि मेरा स्कूटर बनबसा जाना है और इसमें खरौंच नहीं लगनी चाहिए!
दोनों ने कहा कि ले जाएँगे मगर इसे ले जाने के लिए 100 रुपये देने होंगे!
अन्धे को तो केवल दो आँखे ही चाहिए। मैंने तुरंत हाँ भर दी और देखने लगा कि स्कूटर बस में कहाँ और कैसे लादा जाएगा? 
अब कण्डक्टर और ड्राईवर ने बस में सवार नेपालियों से कहा -
"हुजूर! स्कूटर बस की छत पर जब तक नहीं रक्खा जाएगा तब तक बस नही चलेगी!
अब तो करीब 20 नेपाली युवकों ने मेरा स्कूटर बस की छत पर पहुँचा दिया और दोनों ओर बिस्तरबन्द रखकर बीच में इसको खड़ाकरके रस्सी और त्रिपाल से ढक दिया!
सुबह 5 बजे जब बस बनबसा पहुँची तो ड्राईवर और कण्डक्टर ने फिर नेपालियो से कहा  "हुजूर बनबसा आ गया है। अब उतरो और बार्डर पार करके नेपाल जाओ!"
नेपलियों ने फिर बहुत यत्न से मेरा स्कूटर मेरे घर के आगे उतार दिया।
सुबह-सुबह श्रीमती जी ने जब मुझे स्कूटर के साथ देखा तो उन्हें भी हर्ष और आश्चर्य हुआ!

शुक्रवार, दिसंबर 10, 2010

"बीमारी पर किसी का बस नहीं चलता!" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

जी हाँ!
आधा दिसम्बर आने को है! मौसम में ठण्डक भी बढ़ गई है! ऐसे में बहुत ही सावधानी की आवश्यकता है! बीमारी के कारण जालजगत का दुलारा "चिट्ठाजगत" 4 दिनों तक बिस्तर पर आराम कर रहा था! कल से फिर काम पर आ गया था लेकिन दोबारा से फिर सर्दी ने अपनी गिरफ्त में जकड लिया। इसलिए आज फिर से आराम करने को चला गया है!
किसी ने ठीक ही कहा है- 
"बीमारी पर किसी का बस नहीं चलता!"

बुधवार, दिसंबर 08, 2010

"कंगारू की कहानी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

आइए आज आपको कंगारू के नामकरण की कथा सुनाता हूँ!
बहुत समय पहले की बात है! आस्ट्रेलिया के किसी गाँव में एक अजनबी जानवर देखा गया! गाँववाले उसे देखकर अचम्भित हो गये! 
तभी उनमें से किसी ने पूछा कि यह कौन सा जानवर है?
गाँववालों ने उत्तर दिया - "कैनगरू"
अर्थात् हमें नहीं मालूम! तभी से इस जानवर का नाम "कंगारू" पड़ गया!
पूरी दुनिया में आज इस जानवर को कंगारू के नाम से पुकारते हैं!

कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।

मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!

"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)

शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
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मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।