ये तस्वीरें कुछ बोलती हैं।
उत्तराखण्ड में स्वाइन-फ्लू दस्तक दे चुका है।
नगर की रौनक बदहाल है। गहमा-गहमी से भरी सड़कें सूनी-सूनी हो गईं हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुफ्त मास्क बाँटे जा रहे हैं।
आनन-फानन में यह अपील जारी की गई।
मगर,
बाघ (शेर) से बजाव के लिए कोई उपाय नही सुझाये जा रहे हैं।
आइए- एक जागरूक नागरिक होने के नाते मैं ही आपको बाघ (शेर) से बचाव के कुछ उपाय बताता हूँ-
1- वन विभाग को आदमखोर शेर को पकड़ने के लिए टीम गठित करनी चाहिए।
2- महिलाएँ घने जंगलों में घास और लकड़ी काटने न जाये।
3- अकेले जंगल में न जाएँ।
4- जंगल के किनारे बने घरों में रात को दरवाजे ठीक से बन्द करके सोयें।
5- बच्चों को अपनी नजर से ओझल न होने दें।
6- रात में गौशाला में और बकरी-बाड़ों मे जानवरों को बन्द रखें और उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यकरूप से दरवाजे जरूर बन्द कर दें।
7- विभाग को शेर के छिपने के ठिकानों के बारे में सूचना देने में कोताही न करें।
8- अपनी जान की सुरक्षा में चूक न होने दें।
हमेशा याद रखें, आपका जीवन अनमोल है।
आपके परिवार को आपकी आवश्यकता है।