अभिधा, लक्षणा और व्यञ्जना क्या हैं?
इस प्रश्न का सही उत्तर देने वाले हैं-
Mishra Pankaj ने कहा…
अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्तियाँ हैं। शब्द का अर्थ और बोध कराने वाली शक्ति को शब्द-शक्ति कहते हैं। ये तीन प्रकार की होती हैं।
अभिधा- जिस शक्ति से शब्द अपने स्वाभाविक साधारण बोल-चाल के प्रसिद्ध अर्थ को बताता है उसे अभिधा कहते हैं।
लक्षणा- जहाँ पर वाच्यार्थ का स्पष्ट बोध न हो परन्तु रूढ़ि या प्रयोजन के सहारे उससे सम्बन्धित अन्य अर्थ का बोध हो उसे लक्षणा शक्ति कहते हैं। लक्षणा दो प्रकार की होती है- शुद्धा लक्षणा और गौणी लक्षणा।
व्यंजना- जो अर्थ अभिधा और लक्षणा से न बताया जा सके उसको बताने वाली शक्ति का नाम व्यंजना व्यंजना है। ऐसे शब्द को व्यंजक और अर्थ को व्यंग्य कहते हैं।
व्यंजना शक्ति भी दो प्रकार की होती है- अभिधा मूला व्यंजना और लक्षणा मूला व्यंजना।
ताऊ रामपुरिया ने कहा…
अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्तियाँ हैं. ये निम्न तीन प्रकार की होती हैं.
उदाहरण सहित देखिये.
अभिधा - से बात का मुख्यार्थ प्रकट होता है. उदाहरणार्थ सुर्य पुर्व दिशा से उदय होता है.
लक्षणा - से लक्ष्यार्थ प्रकट होता है. उदाहरणार्थ लाल पगडी जा रही है या भारत जाग उठा.
व्यंजना- से व्यंग्यार्थ प्रकट होता हैं. उदाहरण के लिये अंधेरा होगया.
रामराम.
वन्दना ने कहा…
अभिधा-------कथन, नाम, शब्द की वह शक्ति जिससे उनके नियत अर्थ ही निकलते हैं ।
अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्तियाँ हैं। शब्द का अर्थ और बोध कराने वाली शक्ति को शब्द-शक्ति कहते हैं। ये तीन प्रकार की होती हैं।
लक्षणा- जहाँ पर वाच्यार्थ का स्पष्ट बोध न हो परन्तु रूढ़ि या प्रयोजन के सहारे उससे सम्बन्धित अन्य अर्थ का बोध हो उसे लक्षणा शक्ति कहते हैं। लक्षणा दो प्रकार की होती है- शुद्धा लक्षणा और गौणी लक्षणा।
व्यंजना- जो अर्थ अभिधा और लक्षणा से न बताया जा सके उसको बताने वाली शक्ति का नाम व्यंजना व्यंजना है। ऐसे शब्द को व्यंजक और अर्थ को व्यंग्य कहते हैं।
व्यंजना शक्ति भी दो प्रकार की होती है- अभिधा मूला व्यंजना और लक्षणा मूला व्यंजना।
अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्तियाँ हैं. ये निम्न तीन प्रकार की होती हैं.
अभिधा - से बात का मुख्यार्थ प्रकट होता है. उदाहरणार्थ सुर्य पुर्व दिशा से उदय होता है.
लक्षणा - से लक्ष्यार्थ प्रकट होता है. उदाहरणार्थ लाल पगडी जा रही है या भारत जाग उठा.
व्यंजना- से व्यंग्यार्थ प्रकट होता हैं. उदाहरण के लिये अंधेरा होगया.
रामराम.
वन्दना ने कहा…
लक्षणा-------शब्द की वह शक्ति जो अर्थ क बोध होने पर केवल रूढि के कारण अथवा किसी विशेष प्रयोजन के लिये मुख्य अर्थ से सम्बद्ध किसी दूसरे अर्थ का ज्ञान कराती है ,यह तीन प्रकार की कही गयी है ----अजहत्लक्षणा,जहत्लक्षणा और जहद जहलक्षणा। एक अप्सरा का नाम , शब्द की वह शक्ति जिसके द्वारा उसके अभिप्रेत अर्थ का बोध होता है , हंसी,सारसी ।व्यञ्जना---------व्यक्त या प्रकट करने की क्रिया या भाव, तीन प्रकार की शब्द शक्तियों में से एक जो अभिधा और लक्षणों के विरत हो जाने पर संकेतार्थ प्रकत करती है ।
Murari Pareek ने कहा…
ये तीनो शब्दों की शक्ति को दर्शाते है| जिन्हें शब्द शक्ति कहा गया है ! यूँ कहिये की शब्दों की शक्ति के ये तीन रूप हैं !
लेकिन Mishra Pankaj तथा ताऊ रामपुरिया ने उपरोक्त प्रश्न का विस्तार से समझाकर उत्तर लिखा है।
अतः "साहित्य शारदा मंच" खटीमा (उत्तराखण्ड) द्वारा श्री पंकज मिश्र तथा श्री ताऊ रामपुरिया को "साहित्य-श्री" की उपाधि से अलंकृत करने का निर्णय लिया गया है।
कृपया आप अपना सही डाक-पता और सम्पर्क फोन नम्बर मुझे ई-मेल से भेज दें।
इनके अतिरिक्त विनोद कुमार पांडेय, Dhiraj Shah, Suman, Gagan Sharma, Kuchh Alag sa , तथा Babli जी ने भी पोस्ट पर टिप्पणी देकर अनुग्रहीत किया
ये तीनो शब्दों की शक्ति को दर्शाते है| जिन्हें शब्द शक्ति कहा गया है ! यूँ कहिये की शब्दों की शक्ति के ये तीन रूप हैं !
अतः "साहित्य शारदा मंच" खटीमा (उत्तराखण्ड) द्वारा श्री पंकज मिश्र तथा श्री ताऊ रामपुरिया को "साहित्य-श्री" की उपाधि से अलंकृत करने का निर्णय लिया गया है।
कृपया आप अपना सही डाक-पता और सम्पर्क फोन नम्बर मुझे ई-मेल से भेज दें।
इनके अतिरिक्त विनोद कुमार पांडेय, Dhiraj Shah, Suman, Gagan Sharma, Kuchh Alag sa , तथा Babli जी ने भी पोस्ट पर टिप्पणी देकर अनुग्रहीत किया
शास्त्री जी यह प्रयोग अच्छा लगा । अन्य विषयो पर् पहेलियाँ बुझाई जा रही है तो हिन्दी साहित्य के सामान्य ज्ञान की क्यों नहीं । हमे पता नही चला वरना हम भी अपनी पुरानी पुस्तकें टटोल लेते । विजेताओं को बधाई ।
जवाब देंहटाएंदोनों साहित्य श्री महानुभावों को बधाई एवं नमन.
जवाब देंहटाएंसाहित्य श्री मिश्रा पंकज और साहित्य श्री ताउजी को बहुत बहुत बधाई हो !!!!
जवाब देंहटाएंvijetaon ko badhayi.
जवाब देंहटाएं