अभिधा, लक्षणा और व्यञ्जना क्या हैं?
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प्राप्त टिप्पणियों का विश्लेषण करके किसी एक टिप्पणीकार को "साहित्य शारदा मंच. खटीमा उत्तराखण्ड" द्वारा "साहित्य-श्री" की मानद उपाधि से अलंकृत करने का निर्णय किया गया है।
समय-सीमाः 3 नवम्बर,2009 के सायं 6 बजे तक।
अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्तियाँ हैं। शब्द का अर्थ और बोध कराने वाली शक्ति को शब्द-शक्ति कहते हैं। ये तीन प्रकार की होती हैं।
जवाब देंहटाएंअभिधा- जिस शक्ति से शब्द अपने स्वाभाविक साधारण बोल-चाल के प्रसिद्ध अर्थ को बताता है उसे अभिधा कहते हैं।
लक्षणा- जहाँ पर वाच्यार्थ का स्पष्ट बोध न हो परन्तु रूढ़ि या प्रयोजन के सहारे उससे सम्बन्धित अन्य अर्थ का बोध हो उसे लक्षणा शक्ति कहते हैं। लक्षणा दो प्रकार की होती है- शुद्धा लक्षणा और गौणी लक्षणा।
व्यंजना- जो अर्थ अभिधा और लक्षणा से न बताया जा सके उसको बताने वाली शक्ति का नाम व्यंजना व्यंजना है। ऐसे शब्द को व्यंजक और अर्थ को व्यंग्य कहते हैं।
व्यंजना शक्ति भी दो प्रकार की होती है- अभिधा मूला व्यंजना और लक्षणा मूला व्यंजना।
अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्तियाँ हैं। शब्द का अर्थ और बोध कराने वाली शक्ति को शब्द-शक्ति कहते हैं। ये तीन प्रकार की होती हैं।
जवाब देंहटाएंअभिधा- जिस शक्ति से शब्द अपने स्वाभाविक साधारण बोल-चाल के प्रसिद्ध अर्थ को बताता है उसे अभिधा कहते हैं।
लक्षणा- जहाँ पर वाच्यार्थ का स्पष्ट बोध न हो परन्तु रूढ़ि या प्रयोजन के सहारे उससे सम्बन्धित अन्य अर्थ का बोध हो उसे लक्षणा शक्ति कहते हैं। लक्षणा दो प्रकार की होती है- शुद्धा लक्षणा और गौणी लक्षणा।
व्यंजना- जो अर्थ अभिधा और लक्षणा से न बताया जा सके उसको बताने वाली शक्ति का नाम व्यंजना व्यंजना है। ऐसे शब्द को व्यंजक और अर्थ को व्यंग्य कहते हैं।
व्यंजना शक्ति भी दो प्रकार की होती है- अभिधा मूला व्यंजना और लक्षणा मूला व्यंजना।
शास्त्री जी, मुझे तो बड़े ही उच्च कोटि के शब्द लग रहें हैं इससे ज़्यादा तो मुझ नासमझ के बस में नही हम आप जैसे महान विद्वान के मुखारविंदु से सुन कर अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते है....इंतज़ार कर रहें है...बढ़िया प्रश्न जानकारी बढ़ेगी..धन्यवाद!!
जवाब देंहटाएंउच्च कोटि के शब्द के जाल को आप के उवाच वचन से समझाना उचित होगा ।
जवाब देंहटाएंअभिधा-------कथन, नाम, शब्द की वह शक्ति जिससे उनके नियत अर्थ ही निकलते हैं ।
जवाब देंहटाएंलक्षणा-------शब्द की वह शक्ति जो अर्थ क बोध होने पर केवल रूढि के कारण अथवा किसी विशेष प्रयोजन के लिये मुख्य अर्थ से सम्बद्ध किसी दूसरे अर्थ का ज्ञान कराती है ,यह तीन प्रकार की कही गयी है ----अजहत्लक्षणा,जहत्लक्षणा और जहद जहलक्षणा। एक अप्सरा का नाम , शब्द की वह शक्ति जिसके द्वारा उसके अभिप्रेत अर्थ का बोध होता है , हंसी,सारसी ।
व्यंजना का अर्थ बाद मे लिखती हुं ।
व्यञ्जना---------व्यक्त या प्रकट करने की क्रिया या भाव, तीन प्रकार की शब्द शक्तियों में से एक जो अभिधा और लक्षणों के विरत हो जाने पर संकेतार्थ प्रकत करती है ।
जवाब देंहटाएंअभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द-शक्तियाँ हैं. ये निम्न तीन प्रकार की होती हैं.
जवाब देंहटाएंउदाहरण सहित देखिये.
अभिधा - से बात का मुख्यार्थ प्रकट होता है. उदाहरणार्थ सुर्य पुर्व दिशा से उदय होता है.
लक्षणा - से लक्ष्यार्थ प्रकट होता है. उदाहरणार्थ लाल पगडी जा रही है या भारत जाग उठा.
व्यंजना- से व्यंग्यार्थ प्रकट होता हैं. उदाहरण के लिये अंधेरा होगया.
रामराम.
अभिधा-------कथन, नाम, शब्द की वह शक्ति जिससे उनके नियत अर्थ ही निकलते हैं ।
जवाब देंहटाएंलक्षणा-------शब्द की वह शक्ति जो अर्थ क बोध होने पर केवल रूढि के कारण अथवा किसी विशेष प्रयोजन के लिये मुख्य अर्थ से सम्बद्ध किसी दूसरे अर्थ का ज्ञान कराती है ,यह तीन प्रकार की कही गयी है ----अजहत्लक्षणा,जहत्लक्षणा और जहद जहलक्षणा। एक अप्सरा का नाम , शब्द की वह शक्ति जिसके द्वारा उसके अभिप्रेत अर्थ का बोध होता है , हंसी,सारसी ।
व्यञ्जना---------व्यक्त या प्रकट करने की क्रिया या भाव, तीन प्रकार की शब्द शक्तियों में से एक जो अभिधा और लक्षणों के विरत हो जाने पर संकेतार्थ प्रकत करती है ।
अभिधा, लक्षणा और व्यञ्जना क्या हैं?kya saval hai.nice
जवाब देंहटाएंये "सिद्धियों" के नाम हैं।
जवाब देंहटाएंशास्त्रीजी आप जैसे विद्वान और महान लेखक के पूछे हुए कठिन प्रश्न का उत्तर देने में मुझे बड़ी ही मुश्किल हो रही है ! जवाब का इंतज़ार रहेगा !
जवाब देंहटाएंये तीनो शब्दों की शक्ति को दर्शाते है| जिन्हें शब्द शक्ति कहा गया है ! यूँ कहिये की शब्दों की शक्ति के ये तीन रूप हैं !
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