हिन्दी साहित्य के इंसाइक्लोपीडिया श्री वाचस्पति जी
सितम्बर 1988 से जून 1990 तक राजकीय महाविद्यालय, खटीमा में
सितम्बर 1988 से जून 1990 तक राजकीय महाविद्यालय, खटीमा में
हिन्दी-विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे।
राजकीय सेवा से अवकाश प्राप्त करने के पश्चात,
बहुत लम्बे अन्तराल के बाद आप खटीमा पधारे!
प्रस्तुत है उनके साथ गुजरे एक दिन का दिन-नामा।
बुधवार, 18 नवम्बर,2009 प्रातः 8 बजे,
खटीमा में डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" के निवास पर प्रातराश (जलपान)
खटीमा में डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" के निवास पर प्रातराश (जलपान)
प्रातः 9 बजे
राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय, खटीमा के विभागाध्यक्ष
(चित्र में-डॉ.सिद्धेश्वर सिंह, श्री वाचस्पति एवं डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
प्रातः 11 बजे
94 वर्षीय वयोवृद्ध साहित्यकार श्री आनन्द प्रकाश रस्तोगी जी के
निवास "प्रभात-फार्म" पर।
सायं 5 बजे
"साहित्यकार और सम्पादक वाचस्पति जी के सम्मान में ब्लागर-मीट का आयोजन"
(चित्र में-डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक",श्री रावेंद्रकुमार रवि-सम्पादकःसरस पायस ,श्री वाचस्पति-सम्पादकः आधारशिला (त्रिलोचन विशेषांक) एवं डॉ.सिद्धेश्वर सिंह )
जीवन के रंग...... बीते लमहो और अपनो के संग......
जवाब देंहटाएंShastri Ji, Aapne samay aur chitron ke sath jo byora diya hai wo bahut hi achchha laga..
जवाब देंहटाएंpoora din laga ki 2 min. me aankhon ke saamne jhool gaya..
Jai Hind...
आपने चित्रों के साथ इतना सुंदर तरीके से विस्तार करके लिखा है मानो सब कुछ आँखों के सामने हो रहा हो! बहुत बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएंsundarta se prastut karna hi to aapki sabse badi khoobi hai........bahut achcha laga.
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