फ़ॉलोअर

गुरुवार, नवंबर 05, 2009

"चीन की सीमा तक जा पाओगे?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

"ला-परवाही का नमूना देख लीजिए"

जी हाँ !
यह वो पुल है जो पिछले दो वर्षों से टूटा पड़ा है। सन् 2007 में बरसात में इसका एक छोर 200 मीटर बह गया था। जगबूढ़ा नदी सड़क काटकर पुल से अलग बहने लगी थी। तीन माह तक चम्पावत जिले का सम्बन्ध सारे देश से कट गया था। टनकपुर डिपो कार्यशाला की आधी बसें टनकपुर डिपो में कैद थी तो आधी बसें पुल के इस पार थीं। जिनके लिए नानकमत्ता बस-स्टैण्ड को अस्थायी कार्यशाला बनाना पड़ा था। परन्तु न तो उत्तराखण्ड सरकार के कान पर जूँ रेंगी तथा न ही केन्द्र सरकार ने इसकी कोई सुध ली।

कई बार डाईवर्जन के रूप में वैकल्पिक मार्ग बना और जगबूढ़ा नदी में पानी बढ़ने के साथ ही वह ध्वस्त होता रहा।
यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर खटीमा और बनबसा के मध्य स्थित है। यह भारत के पिथौरागढ़, चम्पावत ही नही अपितु नेपाल की सीमा और चीन की संवेदनशील सीमा को भी जोड़ने वाला एक मात्र मार्ग है।


लगभग दो वर्षों से इसका यही हाल है।
वैकल्पिक मार्ग (डाईवर्जन) नदी में पानी आ जाने के कारण ध्वस्त हो गया था कि चीन की सीमा पर हल-चल बढ़ने लगी। सेना के तो होश फाख्ता हो गये। 
जैसे-तैसे सेना ने 24 घण्टे में पुनः डाईवर्जन तैयार किया।
जितनी बार यह डाईवर्जन बहे हैं और उनको पुनः बनाने में जो लागत खर्च हुई है। उससे तो 2-3 बार नये पुल का निर्माण हो सकता था। मगर इससे लोक निर्माण विभाग और एन.एच. को मलाई नही मिल पाती।
इस पुल के दोनों ओर तो डबल रोड है मगर पुल इतना सँकरा है कि इसमें से केवल एक वाहन ही पास हो सकता है।
भारत-चीन सीमा पर हल-चल बढ़ जाने के कारण मन्थर गति से अब इस पर कार्य होना प्रारम्भ शुरू हो रहा है। परन्तु पुल तो सिंगल ही रहेगा।
अन्त में तो मैं यही कहूँगा कि- 
" मेरा भारत महान"

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी चिंता जायज है. हमारी सरकार का दिमाग तभी काम करता है जब सर पर आजाये वर्ना तो मलाई की तलाश मे टाईम पास होता रहता है.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  2. शास्त्री जी चिन्ता जायज है कदम उठाना चहिये

    जवाब देंहटाएं
  3. bilkul sahi kaha shastri ji.........MERA BHARAT MAHAAN .........yahan kuch bhi ho sakta hai magar wo nhi ho sakta jo aam janta ko fayda kara sake ya jisse desh ka bhala ho sake.

    जवाब देंहटाएं
  4. यह एक चिन्तजनक विषय है जिस पर सरकार की निगाह पड्नी जरुरी है ।

    जवाब देंहटाएं

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।

कृपया नापतोल.कॉम से कोई सामन न खरीदें।

मैंने Napptol.com को Order number- 5642977
order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग" पर लगाया था!

"नापतोलडॉटकॉम से कोई सामान न खरीदें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जिस पर मुझे कई कमेंट मिले हैं, जिनमें से एक यह भी है-
Sriprakash Dimri – (January 22, 2013 at 5:39 PM)

शास्त्री जी हमने भी धर्मपत्नी जी के चेतावनी देने के बाद भी
नापतोल डाट काम से कार के लिए वैक्यूम क्लीनर ऑनलाइन शापिंग से खरीदा ...
जो की कभी भी नहीं चला ....ईमेल से इनके फोरम में शिकायत करना के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला ..
.हंसी का पात्र बना ..अर्थ हानि के बाद भी आधुनिक नहीं आलसी कहलाया .....
--
मान्यवर,
मैंने आपको चेतावनी दी थी कि यदि आप 15 दिनों के भीतर मेरा प्रोड्कट नहीं बदलेंगे तो मैं
अपने सभी 21 ब्लॉग्स पर आपका पर्दाफास करूँगा।
यह अवधि 26 जनवरी 2013 को समाप्त हो रही है।
अतः 27 जनवरी को मैं अपने सभी ब्लॉगों और अपनी फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, ऑरकुट पर
आपके घटिया समान बेचने
और भारत की भोली-भाली जनता को ठगने का विज्ञापन प्रकाशित करूँगा।
जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
इत्तला जानें।