| --कणिकाएँ-- -१- नेट के सम्बन्ध एक क्लिक में शुरू एक क्लिक में बन्द |
| -२- टूटी पतवार बीच मझधार कैसे जाएँ पार |
| -३- तिनकों का घर खुला दर बाज़ की नजर |
| -४- जीवन संसार चलना लगातार जैसे नदिया की धार |
| -५- सहता है धूप, साधू का रूप सभी को भाया |
| --कणिकाएँ-- -१- नेट के सम्बन्ध एक क्लिक में शुरू एक क्लिक में बन्द |
| -२- टूटी पतवार बीच मझधार कैसे जाएँ पार |
| -३- तिनकों का घर खुला दर बाज़ की नजर |
| -४- जीवन संसार चलना लगातार जैसे नदिया की धार |
| -५- सहता है धूप, साधू का रूप सभी को भाया |