खटीमा (उत्तराखण्ड) का पावर हाउस बह गया।
आस-पास के क्षेत्रों में त्राहि-त्राहि मच मयी।
सैकड़ों एक धान की फसल बरबाद हो गयी।
लोहिया हेड पावर कालोनी और
कई गाँव तबाह हो गये।
बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप्प हो गयी।
आस-पास के क्षेत्रों में त्राहि-त्राहि मच मयी।
सैकड़ों एक धान की फसल बरबाद हो गयी।
लोहिया हेड पावर कालोनी और
कई गाँव तबाह हो गये।
बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप्प हो गयी।
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कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही से
दिनांक 31-08-2014 को प्रातः 2-30 AM पर
उत्तराखण्ड खटीमा का सबसे पुराना पावर हाउस बह गया।
जिसके कारण पूरा क्षेत्र अन्धकार में डूब गया है।
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विदित हो कि लोहियाहेड पावरहाउस
खटीमा से मात्र 5 किमी दूर है।
शारदा मुख्य नहर पर यह पावरहाउस सन् 1955 में बना था।
इसकी विशेषता यह थी कि सबसे कम लागत पर
विद्युत का उत्पादन करता था।
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दिनांक 31-08-2014 को प्रातः 2-30 AM पर
अचानक नहर में पानी बढ़ गया
और कर्मचारी/अघिकारी निद्रा में सोते रहे।
जिसके कारण पानी बिजलीघर के बाँध को तोड़कर
लोहियाहेड कालोनी को बहाकर ले गया।
इससे स्थानीय निवासियों में हड़कम्प मच गया।
लोग अपना घर बार छोड़कर
जहाँ भी उनको सुरक्षित स्थान मिला
वहाँ पर चले गये और कुछ
इस अचानक आयी आपदा में
कालकवलित भी हो गये।
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