“ब्लॉगिंग छोड़नी ही पड़ेगी लेकिन..”
जी हाँ यह शाश्वत सत्य है कि एक दिन ब्लॉगिंग ही नही दुनिया भी छोड़नी पड़ेगी! लेकिन मैं ढिंढोरा पीटकर नहीं छोड़ूँगा! आये थे अपनी मर्जी से बिना शोर-शराबे के और बिना किसी को बताए हुए ! भई हम तो जब जायेंगे बिना किसी शोर शराबे के ही चले जायेंगे! न कोई मुहूर्त और न कोई दिन बार! न त्याग पत्र देंगे और न ही किसी को कोई सूचना देंगे! न कोई स्वागत करेगा और न ही कोई भाव-भीनी विदाई देगा! मैंने ब्लॉग जगत में कई बार पढ़ा है कि अमुक ब्लॉगर ने ब्लॉगिंग छोड़ने की घोषणा कर दी है! लेकिन एक विदेशी मूल की महिला की भाँति कोई भी अपने निर्णय पर अडिग नही रह सका! परन्तु हम तो- जब मन होगा आयेंगे और जब मन होगा जायेंगे! यही तो ब्लॉगिंग का मज़ा है! ये ज़िंदगी के मेले दुनिया में कम न होंगे, अफ़सोस हम न होंगे |
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