‘‘बूढ़े तोतों की पाठशाला’’
करीब सात माह पहले जब मैं ब्लॉगिग की दुनिया में आया था तो सोचता था कि कैसे इस महासागर में अपने पैर जमा सकूँगा। लेकिन ब्लॉग-जगत इतना सहृदय है कि इस दुनिया की पुण्यशीलात्माओं ने सदैव मेरा उत्साहवर्धन किया।
आप सबके स्नेह ने मुझे इतना बल दिया कि मैंने कुछ बूढ़े तोतों को ब्लॉगिग सिखाना प्रारम्भ कर दिया है।
इनमें से कुछ तोतों ने तो ब्लॉगिग की ए-बी-सी-डी रट भी ली है। लेकिन कुछ इनमें से अभी ऐसे हैं जो अपना पुराना राग ही अलापते हैं।
आपको एक राज की बात बताऊँ कि ये बूड़े तोते प्रतिदिन मेरी ब्लॉगिग की पाठशाला में हाजिरी जरूर लगाने आ जाते हैं।
मत शरीर-ए-हाल देखिए,
जवाब देंहटाएंआप तो शब्दों का बस कमाल देखिए..
बूढ़े तोते शब्द पैदा कर दिया..नया शब्द निकालकर देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
वाह शास्त्री जी ये तो आपने बहुत ही नेक काम किया है! बहुत अच्छा लगा कि आपने इतने लोगों को ब्लोगिंग करना सिखाया है हालाकि ये काफी मुश्किल है ! पर ये ज़रूर सिखने की बात है की उम्र हो जाने के बावजूद भी सब में जोश है सिखने की !
जवाब देंहटाएंबधाई शास्त्री जी, पार्ट टाइम चोखा धंधा साबित होगा ! वैसे भोधे तोतो में जवानो के मुकाबले सीखने की लग्न अधिक होती है !
जवाब देंहटाएंबूढे की जगह भोधे छप गया, त्रुटी के लिए क्षमा !
जवाब देंहटाएंमयंक जी कहीं हमे तो नहीं सुना रहे कि हम भी बूढे तोते हैं। अब क्या करें आजकल के बच्चों के साथ चलना पडता है नहीं तो बच्चे अपने नालायक माँ माप के लिये शर्मिन्दगी महसूस करने लगते हैं। आज कल के बच्चे माँ बाप को भी आगे देखना चाहते हैं इस लिये हम ने भी सीख ली ब्लागरी सीधे चुल्हे से उठ कर कम्प्यूटर पर बहुत बहुत बधाई आपके बूढे तोतों को और उनके ब्लाग गुरू को
जवाब देंहटाएंवाह वाह शास्त्री जी, बहुत उपकार कर रहे हैं आप इस तरह.. प्रयास जारी रहे.. हैपी ब्लॉगिंग
जवाब देंहटाएंशास्त्रीजी की पाठशाला, मस्ती की पाठशाला, जोश जगाने की पाठशाला...इस जज़्बे को मेरा सलाम
जवाब देंहटाएंHappy Blogging Sir.
जवाब देंहटाएंबहुत ही नेक काम कर रहे है आप्………………हमारी बधायी स्वीकारे…………………आप ने तो एक नया जोश पैदा कर दिया है।
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी मन आह्लादीत हो गया आप्का ये प्रयास देखकर
जवाब देंहटाएंनमन आपको !!!
हम तो अभी अपने आपको जवान तोतों की श्रेणी में ही गिनते है:)
जवाब देंहटाएंमजाक की ओर बात है....वैसे ये आप हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रसार के लिए बहुत बढिया कार्य कर रहे हैं!!
मुझे तो ये सारे जवान तोते नजर आरहे हैं. बहुत बधाई आपको और इन सभी जवान तोतो/तोती भाई बहनों को शुभकामनाएं. स्वागत है आप सबका.
जवाब देंहटाएंरामराम.
शास्त्रीजी जी! मुझे भी सारे के सारे जवान तोते दिख रिया है. खण्डेलवालजी वाली ~हेपी ब्लोगिग कहने का मन हो रिया है!
जवाब देंहटाएं♥♥♥♥♥♥
भारतीय रिजर्व बैक के सिक्के पर यह किस प्रसिद्ध हिन्दी ब्लोगर का फोटू है।
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
वाह! ये तो बहुत बढ़िया है।
जवाब देंहटाएंलेकिन आपके साथियों में कोई भी बूढ़ा नहीं दिख रहा।
हाँ, किसी किसी के बाल ज़रूर सफेद हैं
सीखने की लगन को नमन
बी एस पाबला
Old Is Always Gold...
जवाब देंहटाएंU did very nice work..keep it up..!
बाल रंगने से जवानी नही आती है।
जवाब देंहटाएंएक - दो को छोड़कर सभी तो
श्यामल-बाल जवान हैं।
आप सबके नजरिए को सलाम।
शाम को पढ़ लेना उच्चारण पर कलाम।।
आप सब यूँ ही जवान बने रहें।
टिप्पणियों के लिए आभार!
शास्त्री जी, आपको बहुत बहुत बधाई! आपके प्रयास से जब साहित्य और तकनीक मिल जायेंगे तो सुदूर घोंसला बनाए बहुत से बच्चे तोतों को इन बूढे तोतों के अनुभव से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंयो तो बहुत अच्छी बात है कि इस उम्र में भी सीखने की ललक बाक़ी है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा काम कर रहे है,सराहनिय
जवाब देंहटाएंअनुकरणीय
जवाब देंहटाएंमयंक जी,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा आपका प्रयास। समय को बेहतर ढंग से गुजारने, अनदेखों को अपना बनाने का जरिया इन भाई बहनों को सिखा कर।
बस संबोधन जरा अखर रहा है। हो सकता है इन्हें भी ठीक न लग रहा हो पर संकोचवश कह न पा रहे हों, अपने गुरुदेव को।
इन बूढ़े तोतों से अब बहुत अच्छी बातें भी तो पढ़ने को मिलेंगी।
जवाब देंहटाएंसाधुवाद!!
जवाब देंहटाएंबुढ़ापे में फुरसत के लम्हों में अगर ब्लॉगिंग का साथ हो ले, तो क्या बात है!!
आप एक उत्तम कार्य कर रहे हैं.
अनन्त शुभकामनाऐं.
आम के आम गुठलियों के दाम ...ब्लोगिंग और समाजसेवा दोनों साथ में इससे बेहतर और क्या हो सकता है..!!
जवाब देंहटाएंऊर्जावान तोते वाह !
जवाब देंहटाएंकेवल तोतों पर ही नहीं
उल्लुओं पर भी ध्यान दीजिये
थोडा़ सा उनको भी ज्ञान दीजिये ।
तोता हो बुढा या जवान
जवाब देंहटाएंब्लॉग इक चीज हे ऐसी
जिसको
चाहे लिखना
हर इंसान