मंगलवार, मार्च 16, 2010

“पं. नारायणदत्त तिवारी के साथ एक शाम” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)

 

पिछले सप्ताह अमृतसर पंजाब में 6-7 मार्च को प्रजापति संघ का एक बड़ा कार्यक्रम था। उसमें मुझे भी भाग लेने के लिए जाना था। मेरे साथ स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी ज्ञानी स्वर्णसिंह भी थे।


4 मार्च को हम लोग प्रातःकाल ही घर से निकल पड़े। रुद्रपुर जाते-जाते ही पं. नारायणदत्त तिवारी जी से मिलने का कार्यक्रम बन गया।


अतः हम लोग शाम को 5 बजे देहरादून पहुँच गये।


वहाँ से 60 रुपये में ऑटो करके एफ.आर.आई. में तिवारी जी के बँगले पर पहुच गये।


यहाँ मंगलौर निवासी हमारे पुराने मित्र जावेद अंसारी भी मिल गये।    तब पता लगा कि तिवारी जी किसी कार्यक्रम में आई.टी. पार्क गये हैं।

मैंने तिवारी जी के ओ.एस.डी. संजय जोशी को फोन करके पूछा कि पण्डित जी कब तक निवास पर पहुँचेंगे। जोशी जी ने बताया कि हम लोग आई.टी. पार्क से निकल पड़े हैं। 15 मिनट बाद बँगले पर आ जायेंगे।


तब तक चाय भी आ गई थी हम लोग चाय पी ही रहे थे कि पं. जी का काफिला भी पहुँच गया।

 

अब राजनीति का वटवृक्ष हमारे सामने था। सुख-दुख की बहुत सी बाते हुई।


बातों-बातों में तिवारी जी ने पूछ ही लिया कि आजकल क्या कर रहे हो।


हम और कहते भी क्या? बस इतना ही मुख से निकला कि ब्लॉगिंग कर रहे हैं।


तिवारी जी ने मेरे ब्लॉग का पता पूछा और कम्प्यूटर पर बैठे व्यक्ति से कहा कि इनका ब्लॉग खोलो तो सही।


अब तो पं. जी ने मेरे सारे ब्लॉग बहुत तसल्ली से देखे और मेरी पीठ थपथपाते हुए कहा कि तुम तो बहुत बड़ा कार्य कर रहे हो।

   

अब हमने पं. जी से जाने की आज्ञा माँगी तो आग्रह करके पं. जी हमें 15 मिनट और बैठा लिया। पूछा कि एफ.आर.आई. कैसे आये हो। मैंने कहा कि ऑटो से आये हैं। इस पर वो बोले कि आपको कहाँ तक छुड़वा दूँ। मैंने कहा कि मुझे और ज्ञानी जी को पंजाब जाना है। आई.एस.बी.टी. से बस पकड़नी है। पं. जी ने ड्राईवर से कहा कि इन्हें आई.एस.बी.टी. से पंजाब की बस में बैठाकर आना है।


86 वर्ष की आयु में भी तिवारी जी एक जिन्दादिल इन्सान हैं।

2 टिप्‍पणियां:

  1. सम्बन्ध निभाना सिखना हो तो तिवारी जी से अच्छा शिक्षक कोइ हो ही नही सकता . तिवारी जी ने प्रारम्भ मे लाल टोपी से जब राजनीति शुरु की थी तो उनके मददगारो मे मेरे बाबा भी थे . उस सम्ब्न्ध को तिवारी जी ने बहुत निभाया .

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  2. aadarniya sir ,aaj bhi abhi aise log hai jo rishto ko nabhana bakhoobi jante hai .
    poonam

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