कुछ सूत्र 1- मन, वचन एवं कर्म में सत्य को धारण करो । 2- ईश्वर एक है । गुण तथा कर्मो के अनुसार उसके अनेक नाम हैं । 3- मन व मस्तिष्क शान्त होने पर ही चित्त एकाग्र होता है । 4- माता-पिता, गुरूजनों एवं धर्मग्रन्थों का सदैव आदर करना चाहिए । 5- परस्पर सद्व्यवहार करो, सच्चरित्र बनों तथा ईर्श्या - द्वेष से अपने को दूर रखो । 6- भाग्य पर भरोसा कायर करते हैं । ईश्वर केवल कर्मशील व्यक्तियों की सहायता करता है । 7- मांस, मदिरा, तम्बाकू आदि का कभी भी सेवन नही करना चाहिए । 8- दीन-दुखियों की सहायता करो तथा जीवों पर दया करो । 9- परिवार के सभी सदस्यों को प्यार करो और उन्हें सन्मार्ग की ओर प्रेरित करो । 10- कुछ समय अपने लिए भी निकालों । अपने को देखो, अपने को जानो । 11- सुनो सबकी अपने विवेक से कार्य करो । डॉ0 रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" |
बहुत सुन्दर शास्त्री जी , यदि यह हर कोई पालन करने लगे तो फिर झगडा ही किस बात का रहेगा ?
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सन्देश्…………………॥गोदियाल जी सही कह रहे हैं
जवाब देंहटाएंuttam sandesh!
जवाब देंहटाएंसुन्दर सुत्र ।
जवाब देंहटाएंजीवन सही दिशा मे जाने के लिये।
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंबस इनको अमल करने की देर हैं..विश्व शान्ति असंभव नहीं...!!