बुधवार, मार्च 24, 2010

“वैदिक मन्तव्य” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)

कुछ सूत्र

1- मन, वचन एवं कर्म में सत्य को धारण करो । 

2- ईश्वर एक है । गुण तथा कर्मो के अनुसार उसके अनेक नाम हैं । 

3- मन व मस्तिष्क शान्त होने पर ही चित्त एकाग्र होता है । 
4- माता-पिता, गुरूजनों एवं धर्मग्रन्थों का सदैव आदर करना चाहिए । 
5- परस्पर सद्व्यवहार करो, सच्चरित्र बनों तथा ईर्श्या - द्वेष से अपने को दूर रखो । 
6- भाग्य पर भरोसा कायर करते हैं । ईश्वर केवल कर्मशील व्यक्तियों की सहायता करता है । 
7- मांस, मदिरा, तम्बाकू आदि का कभी भी सेवन नही करना चाहिए । 
8- दीन-दुखियों की सहायता करो तथा जीवों पर दया करो । 
9- परिवार के सभी सदस्यों को प्यार करो और उन्हें  सन्मार्ग की ओर प्रेरित करो ।                
10- कुछ समय अपने लिए भी निकालों । अपने को देखो, अपने को जानो । 
11- सुनो सबकी अपने विवेक से कार्य करो ।                
                डॉ0 रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर शास्त्री जी , यदि यह हर कोई पालन करने लगे तो फिर झगडा ही किस बात का रहेगा ?

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  2. बहुत सुन्दर सन्देश्…………………॥गोदियाल जी सही कह रहे हैं

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  3. सुन्दर सुत्र ।
    जीवन सही दिशा मे जाने के लिये।

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  4. बहुत सुन्दर ...
    बस इनको अमल करने की देर हैं..विश्व शान्ति असंभव नहीं...!!

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