आज उच्चारण पर एक पोस्ट लगाई है। उसी के प्रमाण में यह दैनिक जागरण दिनांक 29-09-2009 के पृष्ठ-4 की उपरोक्त कतरन को पढ़ें। स्पष्ट नज़र न आये तो इस कतरन पर चटका लगाकर इसे बड़ा करके पढ़ लें। दशहरा का मेला लगा हुआ था। रावण के जल जाने पर भी मेले से चार सीताओं का अपहरण हो गया। काफी खोज-बीन के बाद बात समझ में आ गई। अरे भइया! यहाँ रावण के केवल नौ सिर ही तो जलाए थे। दसवाँ तो बच ही गया था। नीचे के चित्र में देखें- वो ही तो इन चार आधुनिक सीताओं को बाइक पर बैठाकर ले जा रहा है। "शब्दो का दंगल" पर भी कुछ है, कृपया उसे भी यहाँ चटका लगा कर देख लें। (चित्र गूगल सर्च से साभार) |
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sahi kaha aapne..........sach hai
जवाब देंहटाएंbilkul sahi........
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही बात कही आपने...धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbilkul sahi......
जवाब देंहटाएंबहुत चुटीला व्यंग्य है!
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