गुरुवार, अगस्त 06, 2009

‘‘अजब किन्तु सच’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)


रुद्रपुर, (उत्तराखण्ड) कल 5 अगस्त की ही घटना है।
उत्तराखण्ड विधान सभा में सदस्य काँग्रेस पार्टी के मा0 तिलकराज बेहड़ जी को भा0ज0पा0 के नेता श्री किन्नू शुक्ला द्वारा दी गयी धमकी के प्रकरण में उच्च न्यायालय ने ऊधमसिंहनगर जिले के एस0एस0पी0 को अरुण उर्फ किन्नू शुक्ला को गिरफ्तार कर सी0जे0एम0 की अदालत में पेश करने का आदेश दिया।
पुलिस ने अरुण उर्फ किन्नू शुक्ला की गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दी परन्तु वह नही मिले। पुलिस उनको पकड़ने की कोशिश कर ही रही थी कि किन्नू शुक्ला अपने कार्यकताओं द्वारा नियत स्थान पर डम्पर की बास्केट में गुपचुप तरीके से बैठ कर वहाँ पहुँचे हजारों कार्यकर्ताओं के बीच डम्पर की बास्केट ने उन्हें मंच पर अपलोड कर दिया।
पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और 10 मिनट के भीतर ही सी0जे0एम0 की अदालत में पेश कर दिया।
पूर्व निर्धारित नीति के अन्तर्गत उनके जमानत के कागजात तैयार थे। अतः 10 मिनट में ही बीस हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत मिल गई।
आधे घण्टे में पूरा एपीसोड समाप्त हो गया।
जी हाँ! यही तो होता है सत्ता पक्ष में रहने का मजा।

9 टिप्‍पणियां:

  1. शास्त्री जी आप बिल्कुल सही कह रहे हैं
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    'विज्ञान' पर पढ़िए: शैवाल ही भविष्य का ईंधन है!

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  2. हा जी हा यही बात सोलह आन्ने सत्य है .....

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  3. यह लोग नेता कम अभिनेता ज्यादा होते है |

    किसी ने सच ही लिखा है ,

    " हर शाख पर उल्लू बैठा है,
    अंजामे गुलिस्तान क्या कहिये ???"

    मेरा मानना है कि

    " हर सीट पे नेता बैठा है,
    अंजामे हिंदुस्तान क्या कहिये ???"

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  4. Satta ka nasha bada kharab hota hai...bachkar rahna chahiye.

    शब्द-शिखर पर नई प्रस्तुति - "ब्लॉगों की अलबेली दुनिया"

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