अगर कभी आपका कार्यक्रम उत्तराखण्ड में कुमाऊँ में घूमने का बन जाता है तो दिल्ली से 350 किमी मुरादाबाद से 185 किमी की दूरी पर नेपाल सीमा पर बसा टनकपुर शहर है। इसे पहाड़ों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
(चित्र माता श्री पूर्णागिरि दरबार, चम्गावत-उत्तराखण्ड) सिद्ध-पीठ के रूप में मानी जाने वाली माता पूर्णागिरि के रास्ते में टनकपुर से 14 किमी दूर शारदा नदी के किनारे घने जंगलों के बीच एक स्थान बूम के नाम से जाना जाता है। 
इसके प्राकृतिक नजारे तो आपको अपनी ओर आकर्षित करेंगे ही साथ ही यहाँ बंगाली शैली का माता माधवी का मन्दिर भी आपका मन जरूर मोह लेगा। 
माता माधवी के मन्दिर के साथ ही यहाँ उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग ने एक छोटा सा गेस्ट हाउस भी बना दिया है। 
आज होली का दिन है। कल रंगों की दुल्हैण्डी होगी। घर में कुछ अतिथि भी आये हुए हैं । अतः आज बूम में पिकनिक मनाने का कार्यक्रम बन ही गया। सबसे पहले हम लोग दो कारों में बैठ कर बूम पहुँचे। शारदा नदी के कल-कल निनाद ने मन ऐसा मोहा कि नदी में स्नान का मूड बन ही गया। एक घण्टे में सब लोग स्नान से निवृत्त हो गये। इसके बाद हम लोग उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग द्वारा बनाये गये गस्ट हाउस की टैरेस पर आ गये। 
जिस पर विशाल टीन शेड बना हुआ है। पूर्णागिरि मेले के समय में इसमें 100 के लगभग फोल्डिंग चारपाई बिछा दी जाती हैं। कुछ श्रद्धालू यहाँ भी रात्रि विश्राम कर ही लेते हैं। हम लोगों ने यहाँ कुछ देर विश्राम किया और रसोइए को खाना बनाने को कह दिया गया। इसके बाद हम लोग माता माधवी देवी के आश्रम में विशाल मन्दिर को देखने गये। आप भी देखें। इन सुन्दर दृश्यों को-  मन्दिर में दर्शन के उपरान्त हम लोग पुनः गेस्ट हाउस में आये टैरेस पर ही दरी बिछा कर भोजन किया और पिकनिक पूरी हो गयी। |
यह यात्रा बड़ी सुखद रही, आशा है आओ और वृतांत प्रस्तुत करेंगे
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मनमोहक यात्रा
जवाब देंहटाएंमन मंदिर मंदिर हो गया
चित्रों ने आंखों को संपूर्ण तृप्ति प्रदान की।
aap to hum sabko nayi nayi jankari dete hain uske sath aisa lagta hai jaise hamne bhi bhraman kar liya ho...........shukriya.
जवाब देंहटाएंचम्पावत की सुरम्य वादियों के दर्शन अच्छे रहे.. आभार
जवाब देंहटाएंबिलकुल नई जगह की सचित्र जानकारी मिली - आभार !
जवाब देंहटाएं- लावण्या
चंपावत की झांकी प्रस्तुत कर दी। सुंदर वर्णन।
जवाब देंहटाएंबुलंदशहर और आसपास के जिलों के लोग माता पूर्णागिरि के दर्शन करने हर साल जाते हैं।
बहुत मान्यता है।
बहुत ख़ूबसूरत तस्वीरों के साथ आपने बड़े ही सुंदर रूप से विस्तार किया है और आपको इस बात का धन्यवाद कहते हैं कि हमें नए नए जगहों से परिचित करवाया आपने!
जवाब देंहटाएंbahut sundar ... apna uttarakhand to sundarta ka dhani hai... aapki yah psot achchi lagi abhi kuch samay pahle mere blog me purnagiri ke bare me likha gaya tha...
जवाब देंहटाएंho sake to mandir ke kuch photo mujhko e mail karva de .....
तस्वीरों से भरी रोचक यात्रा वर्णन सजीव सा लगता है और ऐसा प्रेअतीत होता है कि यात्रा स्वयं की ही है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेखन और प्रस्तुति शैली पर हार्दिक आभार.
Apne to baithe-baithe hi darshan kara diye...manmohak yatra !!
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