गुरुवार, जुलाई 23, 2009

‘‘साबरमती आश्रम, अहमदाबाद’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)




आठ अक्टूबर 2008 को मेरा किसी समारोह में जाने का कार्यक्रम पहले से ही निश्चित था। समारोह/सम्मेलन दो दिन तक चला।



यूँ तो अहमदाबाद के कई दर्शनीय स्थलो का भ्रमण किया, परन्तु मुझे गांधी जी का साबरमती आश्रम देख कर बहुत अच्छा लगा।



10 अक्टूबर को मैं अपने कई साथियों के साथ। प्रातः 9 बजे आश्रम में पहुँचा। चार-पाँच घण्टे आश्रम मे ही गुजारे।


उसी समय की खपरेल से आच्छादित गांधी जी का आवास भी देखा। वही सूत कातने का अम्बर चरखा। उसके पीछे महात्मा जी का आसन। एक पल को तो ऐसा लगा जैसे कि गांधी जी अभी इस आसन पर बैठने के लिए आने वाले हों।


अन्दर गया तो एक अल्मारी में करीने से रखे हुए थे गान्धी जी के किचन के कुछ बर्तन।


छोटी हबेलीनुमा इस भवन में माता कस्तूरबा का कमरा भी देखा जिसके बाहर उनकी फोटो आज भी लगी हुई है।


इसके बगल में ही अतिथियों के लिए भी एक कमरा बना है।


इसके बाद बाहर निकले तो विनोबा जी की कुटी दिखाई पड़ी। इसे भी आज तक मूल रूप में ही सँवारा हुआ है।



आश्रम के पहले गेट के साथ ही गुजरात हरितन सेवक संघ का कार्यालय आज भी विराजमान है।



आश्रम के साथ ही साबर नदी की धारा भी बहती दिखाई दी। लेकिन प्रदूषण के मारे उसका भी बुरा हाल देखा।



कुल मिला कर यह लगा कि आश्रम में आने पर आज भी शान्ति मिलती है।

सच पूछा जाये तो अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे बने आश्रम में आज भी मोहनदास कर्मचन्द गांधी की आत्मा बसती है।

10 टिप्‍पणियां:

  1. shastri ji,
    pata nahi kab bhagy bulaye aur mai jaun aise darshniya sthalo ke darshan karane..

    bahut hi ramniy chitr darshaya aapne..aapki yah jaankari mujhe bahut achcha laga..
    behad sundar chitr hai..sabarmati ke jo aapke kripa se dekh paya..

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  2. saabarmati aashram ki yaatra kisi teerth jaisi hi hai
    aapko badhaai !

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  3. नदी के बारे में एक बात जोड़ देना चाहता हूँ, यह नदी सुख चुकी थी. चौमासे में ही पानी रहता था. मगर अब गुजरात की सारी नदियों को आपस में जोड़ देने से इसमें भी पानी रहने लगा है.

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  4. रही बात तिर्थ की तो एक भारतीय के लिए सेल्युलर जेल से बड़ा कोई तीर्थ हो ही नहीं सकता.

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  5. आज तक पुस्तकों में ही पढा था इसके बारे में..देखने का सौभाग्य मिला नही था अभी तक..
    आपने सचित्र वर्णन कर के ये कमी भी लगभग पूरी करदी ..

    आभार !!

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  6. aapne to sabarmati aashram ke darshan karakar hamein dhanya kar diya.......sach ek tirth se kisi bhi tarah kam nhi hai kyunki jahan jakar aap shanti ka anubhav karein wo sthal kisi bhi tirth se kam kaise ho sakta hai.

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  7. साबरमती आश्रम कि कितनी सुंदर छवि है

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  8. De di hamen azadi Bina khadag Bina dhaal sabarmati ke Sant tune kar diya Kamal raghupati Raghav raja ram

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