मंगलवार, जुलाई 14, 2009

‘‘नानक सागर डाम’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)



पन्द्रह कि.मी. तक सिर्फ पानी ही पानी। दूर दिखाई दे रही , कुमाऊँ की सुरम्य पर्वतमाला।
आप ऊपर जो चित्र देख रहे हैं। यह किसी समूद्र का चित्र नही है।
यह दृश्य है उत्तराखण्ड की नैनीताल कमिश्नरी के जिला-ऊधमसिंहनगर स्थित नानक सागर डाम का।
यह दिल्ली से 300 किमी की दूरी पर स्थित है।
इसको कुमाऊँ की पहाड़ियों से निकले कई नदी नाले बरसात में पानी से लवरेज कर देते हैं।
लेकिन देवहा नाला इसको भरने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाता है। इससे निकले अतिरिक्त पानी से आगे चल कर देवहा नदी बनी है। जो पीलीभीत जिले में अपने विशालरूप के लिए जानी जाती है।
यदि डामों की बात करे तो अधिकांश डाम भूमि में गहराई पर बने होते है। परन्तु यह इकलौता डाम है जो कि भूमि के ऊपर बना है। यह एक उथला डाम हैं जिसे मजबूत बाँध बनाकर निर्मित किया गया है। इसका निर्माण तत्कालीन उत्तर-प्रदेश सरकार ने 1962 में कराया था।
इसके एक किनारे पर नानकमत्ता साहिब है। नानकमत्ता की लगभग 800 एकड़ भूमि का अधिग्रहण सरकार द्वारा कर लिया गया था।
गुरू नानक देव द्वारा जमीन में फावड़ा मार पानी की धारा प्रकट की गयी थी। जिसे बाउली साहब के नाम से पुकारा जाता है। वह भी इस भूमि पर ही है। सरकार ने पुल बनाकर इस स्थान को सुरक्षित बचा लिया था।
आज नानक सागर डाम एक पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इसके किनारे बने पार्क सैलानियों का मन मोह लेते हैं।
ऊपर जो पार्क दिखाई दे रहा है। यह नानक सागर डाम के किनारे पर ही स्थित है। हम भी कभी-कभी यहाँ पर पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं। पार्क में छतरीनुमा पेड़ आपको गर्मी का आभास नही होने देंगे।
अगर आप कभी नैनीताल घूमने आयें तो नानकमत्ता अवश्य आयें। गुरूद्वारा में मत्था टिकायें, लंगर छकें और आसपास के अजूबों को भी अपने कैमरे में कैद करके पिकनिक का भरपूर आनन्द उठायें।
(चित्र गूगल सर्च से साभार)


16 टिप्‍पणियां:

  1. पहली तस्वीर देखते ही लगा कि ये भा्खडा की सतलुज झील ह मगर नीचे जा कर असलीअत पता लगी बहुत सुन्दररउर मनोहर दृश्य हैं आभार्

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  2. आभार इस जानकारी का. तस्वीरें बहुत सुन्दर हैं.

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  3. sundar!!!
    atyant manmohak drishy..
    jaankari to bahut hi rochak rahi..
    hame jyada isake bare me pata nahi tha..
    bahut bahut abhar aapka..
    dhanywaad..

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  4. बहुत प्यारी पोस्ट
    जानकारी और तस्वीरों से भरपूर .बधाई!

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  5. Mausa ji !
    abki bar jab ham aapke yahan aayenge to hame ye dam jaroor ghuma kar lana.

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  6. बहुत सुन्दर,
    जानकारी के लिए आभार।

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  7. इसके रोचक जानकारी के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

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  8. इस सचित्र यात्रा में खूब मजा आया.. आभार

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  9. लाजवाब सचित्र जानकारी का हार्दिक आभार.

    चन्द्र मोहन गुप्त

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  10. प्राचीन परम्‍परा की धरोधर है, नानकमता

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  11. प्राचीन परम्‍परा की धरोधर है, नानकमता

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