गुरुवार, जुलाई 02, 2009

"जमाना बहुत बदल गया है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)





आज से लगभग 30-35 वर्ष पुरानी बात है।

उन दिनों आर्य समाज के एक बड़े विद्वान स्वामी इन्द्रदेव यति का प्रवचन वहाँ चल रहा था। अचानक स्वामी जी के मुँह से यह वाक्य निकल गया-

‘‘टनकपुर मण्डी, हवा चले ठण्डी।’’

अगली लाइन थी- ‘‘नीचे लाला, ऊपर रण्डी।।’’

प्रवचन के दौरान एक लाला जी पुत्र को यह बात बड़ी अशोभनीय लगी। सब लोग तो हँस रहे थे, परन्तु वह स्वामी जी से उलझने लगा।

जब ज्यादा बहसबाजी हो गयी तो स्वामी जी ने कहा कि कि बेटा मैं सत्य बात ही कह रहा हूँ।

उस समय में नीचे लाला जी दूकान करते थे और ऊपर टीनशेड के बने घर में बेश्याएँ रहा करती थी।

ऐसा करो आप अपने दादा जी से यह पूछ कर बताओ कि मैं गलत कह रहा हूँ या सही कह रहा हूँ।

संयोगवश् उसके दादा जी भी स्वामी जी का प्रवचन सुन रहे थे।

जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने भी स्वामी जी की बात का समर्थन किया।

मैंने आज के टनकपुर का जब अच्छी तरह से भ्रमण किया तो मुझे उस समय के टनकपुर का पुराना भवन मिल ही गया। जैसा कि चित्र से स्पष्ट है।

यह लडका कौन रहा होगा? बस इसी को उजागर करने के लिए यह कहानी रची गयी है।

यह लड़का श्याममोहन था। परसों रात किन्ही अज्ञात हमलावरों ने रात में इसकी व इसकी पत्नी की लोहे की राड और सरियों से प्रहार करके जघन्य हत्या कर दी थी।

मैं सन् 1974 से 1985 नेपाल बार्डर पर बसे तक इसके समीपवर्ती ग्राम बनबसा में रहा हूँ। जहाँ तक मुझे याद है मैंने कभी भी रात या दिन में अपने भवन में ताला नही लगाया था।

उस समय में बनबसा और टनकपुर का एक ही जिला-नैनीताल हुआ करता था। पुलिस थाना भी बनबसा में नही था। आज बनबसा-टनकपुर का का जिला चम्पावत हो गया है। बनबसा एक छोटे शहर का रूप ले चुका है। लेकिन उस समय के बनबसा और आज के बनबसा में जमीन-आसमान का अन्तर आ गया है।

आये दिन लूट व हत्या की वारदाते होंने लगी है, या यों कहिए कि यह दोनों शहर दहशतगर्दों की जन्नत बन गये हैं तो कोई अतिश्योक्ति न होगी।

क्योंकि क्राइम करो और नेपाल भाग जाओ। वहाँ न पुलिस का झमेला और न ही पकड़े जाने का भय है।

विदेश है तो भारत की पुलिस वहाँ आपका बाल-बाँका भी नही कर सकती है।

यदि गाँठ में माल हो तो सभी तरह की सुख-सुविधा वहाँ सस्ते में उपलब्ध हैं।

वास्तव में जमाना बहुत बदल गया है।

‘‘आदमी लुटवा रहा है आदमी पिटवा रहा।

आदमी को आदमी ही आज है कटवा रहा।।

आदमी बरसा रहा बारूद की हैं गोलियाँ।

आदमी ही बोलता शैतानियत की बोलियाँ।।

आदमी ही आदमी को आज है खाने लगा।

आदमी कितना घिनौना कार्य अपनाने लगा।

9 टिप्‍पणियां:

  1. devbhoomi ka ye haal dekhkar bahut dukh hota hai....roz roz khoonee vaardaten....kya hoga iska??

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  2. SANT SE TARAK KARNA THEEK NAHI YADI SANT GALT BHI H.
    HAR BAAT KA HELP BOOK SE HAL BAHI MILTA.
    KHUD HAL DHUNDHNA AUR USKE LIYE ADHYAN KARNA JARURI H.
    ADHYAN NAHI KOI KARTA TO AAPK BLOG JARUR PADHNA CHAHIYE.

    AABHAR AADMI PAR LIKHI LINES KE LIYE.
    RAMESH SCHDEVA

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  3. आप बिल्‍कुल सही हैं .. यह एक जगह की नहीं .. हर जगह की बात है .. किसी पर विश्‍वास करना मुश्किल है .. सचमुच जमाना बहुत बदल गया है ।

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  4. sach kah rahe hain aap zamana badal chuka hai..........tabhi ye haal hain.

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  5. शास्त्रिजी! पता नही जमाना बदला या इन्शान ? केरला कोच्ची वाले शास्त्री जी से पुछ के आता हू।

    आभार।

    मुम्बई टाईगर

    हे प्रभु तेरापन्थ

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  6. सच ही कहा गया था की लोहा ही लोहे को काटता है , सो आज का तथाकथित पढ़ा-लिखा आदमी आदमी को काटने लग गया............. ऐसे अल्प, अधूरे ज्ञान की परिणित अभी और क्या-क्या गुल दिखाएगी.............देखना बाकि है.....
    चन्द्र मोहन गुप्त

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  7. कितना बदल गया इंसान, बिल्कुल सही बात है।

    ---
    विज्ञान । HASH OUT SCIENCE

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  8. आज मेरे कई blogs पे आपके कमेंट्स पाए ...तहे दिलसे शुक्रिया , इस ज़र्रानवाज़ी और हौसला अफजाई के लिए ...

    आपका ये संस्मरण आँखे खोलता है ...लेकिन गर आप मेरे :
    http://lalitlekh.blogspot.com

    इस ब्लॉग पे जाएँ, तो पता चलेगा , इंडियन एविडेंस एक्ट,(Indian Evidence Act-IEA) दफा, 25/27 के रहते , आतंक वादियों का ख़ुद भारत में भी बाल बाँका नही हो सकता ..यही सत्य है ...
    हमारी क़ानून व्यवस्था ऐसी है ...१५० साल पुराने , अंग्रेज़ों के बने कानूनों से देश आज़ाद नही ...और इस क़ानून के रहते अर्न्तगत सुरक्षा यंत्रणा , अपाहिज है.....!

    पिछली नवम्बर में,मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद मैंने अपनी ओरसे एक जन जाग्रति मुहीम हाथ ली है ....लेकिन इस कानून को challenge करनेवाली कई PILs न्यायालयों के आधीन हैं ...न्यायाधीश की मर्जी ..!सन १९८१ से उच्चतम न्यायलय का अवमान हो रहा है, और हमें ख़बर तक नही...!

    Lekin aatank failane waalon ko tatha gunehgaree jagat ko ye qanoon khoob pata hain..!

    http://lalitlekh.blogspot.com

    http://shamasansmaran.blogspot.com

    http://shama-baagwaanee.blogspot.com

    http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं

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