शुक्रवार, दिसंबर 10, 2010

"बीमारी पर किसी का बस नहीं चलता!" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

जी हाँ!
आधा दिसम्बर आने को है! मौसम में ठण्डक भी बढ़ गई है! ऐसे में बहुत ही सावधानी की आवश्यकता है! बीमारी के कारण जालजगत का दुलारा "चिट्ठाजगत" 4 दिनों तक बिस्तर पर आराम कर रहा था! कल से फिर काम पर आ गया था लेकिन दोबारा से फिर सर्दी ने अपनी गिरफ्त में जकड लिया। इसलिए आज फिर से आराम करने को चला गया है!
किसी ने ठीक ही कहा है- 
"बीमारी पर किसी का बस नहीं चलता!"

8 टिप्‍पणियां:

  1. सही कह रहे हैं और ये चिट्ठाजगत की बीमारी तो सभी को बीमार कर रही है।

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  2. हिंदी ब्‍लॉग जगत को एग्रीगेटर की कमी कमजोर बना रही है!!

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  3. dhyaan rakhiyega anupasthitee charcha manch kee garmahat bhee kum kar degee.........

    charcha manch kee garmahat thandak bhaga bhee saktee hai....

    :)

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  4. देखिये इस समय चिट्टाजगत को बीमारी से निजात मिल गई है.

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  5. वो तो चिट्ठाजगत है कि स्वस्थ होकर फिर लौट आने की उम्मीद बची है। अन्यथा,कुछ अन्य की हालत से हम सब परिचित ही हैं!

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  7. हे चिट्ठाजगत, आप जल्द स्वस्थ होकर लौटें...शुभकामनाएं।

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