बुधवार, जून 30, 2010

“दादागिरी, नेतागिरी के बाद ब्लॉगिरी” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)


♥ हकीकत यानि वास्तविकता ♥

imageऔर
imageके बाद अब
imageअगर दिल की बात कहूँ तो 
मुझे नफरत सी हो गई है इस गिरी शब्द से!
समझ में ही नही आ रहा कि
image को कैसे ज्वाइन करूँ?
imageऔर
imageको तो अपना निवेदन पंजीकृत करा देते थे
और इन एग्रीगेटरों के प्रबन्धक ब्लॉगों को 
जाँच-परखकर शामिल कर देते थे!
परन्तु
imageमें तो कुछ समझ में ही नही आ रहा कि 
इसे किस प्रकार ज्वाइन किया जाये!
ऊपर से झंझट यह भी है कि हर बार लिखो और
ब्लॉगिरी में पोस्ट करो!
नही चाहिए मुझे ब्लॉगिरी की दादागिरी!
इससे तो अच्छे हैं
FEED CLUSTER
के ये व्यक्तिगत एग्रीगेटर!
निवेदन भेजो और शामिल हो जाओ!
आपके द्वारा भेजे गये पते की FEED भी
इसमें स्वचालित व्यवस्था के द्वारा
स्वयं ही आ जाती हैं!
तो आप भी भेज दीजिए ना!
अपने ब्लॉग का URL
मेरे इस निजी एग्रीगेटर पर! 
लेकिन इतना अवश्य ध्यान रखिए कि
imageका कोई विकल्प नही है!
इस सन्दर्भ में देखिए
समीर लाल जी से हुई मेरी आज की वार्ता-

Udan Tashtari के साथ चैट करें

सभी को उत्तर दें|
Udan Tashtari
मुझे
विवरण दिखाएँ ४:४९ AM

४:४९ AM मुझे: नमस्कार! समीर लाल जी!
ब्लॉगवाणी कब तक सक्रिय हो जायेगी?
 ४:५० AM कुछ जानकारी हो तो बताइएगा!
४:५१ AM "ब्लॉगिरी" क्या है? इस नये एग्रीगेटर को केसे ज्वाइन करें?
४:५२ AM हमारी तो नींद खुल गई है! आप शायद सोने की तैयारी कर रहे होंगे!

Udan: ब्लॉगवाणी शीघ्र ही वापस आना चाहिये. किंचित व्यापारिक व्यस्तताओं के चलते अभी मन हटा हुआ है कि उसे सुधारा जाये किन्तु आना तो है ही.
४:५३ AM ब्लॉगीरी आज ही देखा और पंजीयन किया खुद का. अभी स्वयं भी समझ ही रहा हूँ. रजिस्टर करने का टैब है उस पर.

४:५४ AM मुझे: जी हम भी कोशिश करते हैं! मगर सारे व्लॉग कैसे आ पायेंगे?

Udan: अभी तो शाम का ७.३० बजा है. सोना ११ तक होता है और फिर वापस जागना ३/३.३० तक

४:५५ AM मुझे: क्या सभी में लिखी गई पोस्टों को हर वार लिखने के बाद डालना पड़ेगा!

Udan: ऐसे ही धीरे धीरे जानेंगे किन्तु इसमें भी हर बार लिखने के बाद स्टोरी सब्मिट करने जाना पड़ता है. अपने आप नहीं लेता शायद.
जी

४:५६ AM मुझे: अरे इससे तो अपना चिट्ठा जगत बहुत ही बेहतर है!

Udan: जी, निश्चित तौर पर चिट्ठाजगत बेहतर है

४:५८ AM मुझे: तकनीकीरूप से, हरेक ब्लॉगर का हिसाब - किताब रखना, ट्रैफिक पर नजर रखना, सक्रियता दिखाना! यह सब तो सिर्फ चिट्ठा जगत ही कर सकता है!

४:५९ AM Udan: जी, वो और ब्लॉगवाणी विकसित तकनीक पर बने हैं मगर लोग उनकी मेहनत समझने को तैयार ही नहीं

५:०० AM मुझे: मन चाहे ब्लॉगरों की फीड प्राप्त करने के लिए तो फीड क्लस्टर पर बने लोकल एगेरीगेटर भी अच्छा काम कर रहे हैं!

Udan: देखा मैने फीड क्लस्टर भी. ठीक है वो भी.

५:०१ AM मुझे: अच्छा जी ! बॉ.बॉय!

Udan: नमस्कार, शुभ दिवस!

14 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लोगिरी और इन्डली दोनों पर पोस्ट सबमिट करनी पड़ती है | इस तरह के एग्रीगेटर बनाने में तकनिकी ज्ञान की कोई ज्यादा जरुरत नहीं पड़ती दो साल पहले मैंने एसा एग्रीगेटर बनाकर देखा था पर हर पोस्ट सबमिट करने वाले फंक्शन के चलते मैंने अपना इरादा बदल दिया था |
    इस तरह के एग्रीगेटर ब्लॉग वाणी व चिट्ठाजगत का विकल्प नहीं हो सकते |
    इनसे बढ़िया तो फिर फीडकलस्टर ही है |
    आपके व्यक्तिगत एग्रीगेटर पर हमारा ब्लॉग तो पहले से ही मौजूद है |

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  2. कुछ भी शास्त्री जी ब्लॉगवाणी की बात ही कुछ अलग थी या हो सकते है हम अभ्यस्त हो चुके थे...अब जल्दी आ जाना चाहिए...

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  3. बातचीत ऑन रिकार्ड ..हा हा!!

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  4. ब्लॉगिरि !!!! हम तो चिठ्ठा जगत से ही खुश है ।

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  5. ब्‍लॉगिरी में तो 'ब्‍लॉग सुझाएं' का बटन है .. हरे रंग की साइड में पट्टी है !!

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  6. सॉरी .. 'suggest a blog' लिखा है साइड में हरे रंग की पटृटी में !!

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  7. शास्त्री जी....इंडली या ब्लोगिरी में पुरानी हिट पोस्टों को भी फिर से भुनाया जा सकता है :-)

    नहीं तो इससे पहले नई पोस्ट आने के बाद पुरानी पोस्ट जाने कहाँ गुम हो जाती थी :-(

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  8. ब्लोगवानी का तो इंतज़ार है ही और चिट्ठाजगत भी अपना काम बखुबी निभा रहा है।बाकी इंडली तो समझ ही नही आया क्युँकि वहाँ 2 पोस्ट डाली मगर दिखाई ही नही दे रही थीं। कोई भी एग्रीगेटर हो वो सहज होना चाहिये अगर दिक्कत होगी तो सभी चले जायेंगे ………॥हमे तो अब भी ब्लोगवानी का ही इंतज़ार है।

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  9. ब्लागवाणी और चिट्ठाजगत का कोई मुकाबला नहीं.....इनके आगे ये इंडली, पिंडली सब फेल हैं

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  10. ये गिरी गिरी क्‍या है ?

    सहीं कह रहे हैं ये ब्‍लॉगिरी नाम कुछ जंच नहीं रहा है यह ब्‍लागिरी इंडली का साढू भाई है दोनों में पोस्‍ट सम्मिलित करने के तरीके एक ही हैं.

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  11. आप सच कह रहे हैं कि सबसे अच्‍छी है ब्‍लागवाणी और चिठ्ठा जगत। यहाँ तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा। हमने तो निर्णय किया है कि हम चिठ्ठाजगत से ही काम चलाएंगे। एकदम बढिया है।

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