गुरुवार, अप्रैल 01, 2010

“मूर्ख-दिवस पर अवकाश घोषित!” (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)

“महत्वपूर्ण घोषणा”

150320091917मैं श्री रूपचन्द्र जी,  शास्त्री जी, मयंक जी आज एक महत्वपूर्ण घोषणा कर रहा हूँ!
कृपया आज चर्चा मंच पर न जायें! क्योंकि आज यहाँ फर्स्ट-अप्रैल के उपलक्ष्य में सबसे छोटी चर्चा लगी है!
जिन्होंने मूर्ख-दिवस पर अपने ब्लॉग पर कुछ भी लिखा है! उन्हें तो यहाँ जाकर अवश्य ही निराशा हाथ लगेगी!
अरे हाँ!
महत्वपूर्ण घोषणा तो रह ही गई!
आज मैंने इस परम-पावन पर्व पर अवकाश घोषित किया है!
अवकाश का नाम है-

“टिप्पणी अवकाश”

आज छुट्टी है जी!
मुझसे किसी भी टिप्पणी की अपेक्षा न करें!
क्योंकि मैं आज ब्लॉगिंग छोड़ रहा हूँ!

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपने बिल्कुल सही निर्णय लिया शास्त्री जी! वैसे भी अब यहाँ ब्लागिंग करने का कोई धर्म नहीं रह गया। खैर आप चलिए, हम भी आते हैं आपके पीछे पीछे।
    हैप्पी मूर्ख दिवस :-)

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  2. आप पीछे वालों को देख रहे हैं
    परंतु अपने आगे वालों को भी
    देख लीजिए माननीय मयंक जी
    मैं आपके आगे आगे दौड़ रहा हूं
    आपके सुर में सुर मिलाता हुआ
    क्‍योंकि मुझे लग रहा है कि
    आप मुझे रोकने आ रहे हैं
    जबकि आप तो खुद ही रूके जा रहे हैं
    मैं भी रूकता हूं
    आपसे गले मिलता हूं
    और जो आपसे और भी पीछे हैं
    उन सबके गले पड़ता है
    पर नहीं झगड़ता हूं
    मेरा स्‍वभाव ही नहीं है
    महंगाई है पर भाव नहीं है।

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  3. यह आपके किसी भी ब्लॉग पर
    मेरी अंतिम टिप्पणी है!

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  4. बस, अब टिप्पणी बंद!! आपका आदेश टाल नहीं पा रहे हैं.

    जवाब देंहटाएं

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