गुरुवार, जनवरी 28, 2010

“पिल्लू-राजा तुम्हें विदाई” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)

pillu
“पिल्लू”

जब तुम थे प्यारे से बच्चे,
मुझको लगते कितने अच्छे.

मैं गोदी में तुम्हें खिलाता,
ब्रेड डालकर दूध पिलाता,

दस वर्षों तक साथ निभाया,
आज छोड़ दी तुमने काया,

विपदाओं से नही डरे तुम,
कुत्ते की नही मौत मरे तुम,

पीड़ा देती बहुत जुदाई,
पिल्लू-राजा तुम्हें विदाई,

सदा-सदा के लिए आज तुम सुप्त हो गये!
संसारी झंझट से बिल्कुल मुक्त हो गये!!

5 टिप्‍पणियां:

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