रविवार, अगस्त 31, 2014

खटीमा (उत्तराखण्ड) का पावर हाउस ध्वस्त ((डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

खटीमा (उत्तराखण्ड) का पावर हाउस बह गया।
आस-पास के क्षेत्रों में त्राहि-त्राहि मच मयी।
सैकड़ों एक धान की फसल बरबाद हो गयी।
लोहिया हेड पावर कालोनी और 
कई गाँव तबाह हो गये।
बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप्प हो गयी।
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कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही से 
दिनांक 31-08-2014 को प्रातः 2-30 AM पर 
त्तराखण्ड खटीमा का सबसे पुराना पावर हाउस बह गया।
जिसके कारण पूरा क्षेत्र अन्धकार में डूब गया है।
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विदित हो कि लोहियाहेड पावरहाउस 
खटीमा से मात्र 5 किमी दूर है। 
शारदा मुख्य नहर पर यह पावरहाउस सन् 1955 में बना था।
इसकी विशेषता यह थी कि सबसे कम लागत पर 
विद्युत का उत्पादन करता था।
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दिनांक 31-08-2014 को प्रातः 2-30 AM पर 
अचानक नहर में पानी बढ़ गया 
और कर्मचारी/अघिकारी निद्रा में सोते रहे।
जिसके कारण पानी बिजलीघर के बाँध को तोड़कर
लोहियाहेड कालोनी को बहाकर ले गया।
इससे स्थानीय निवासियों में हड़कम्प मच गया।
लोग अपना घर बार छोड़कर 
जहाँ भी उनको सुरक्षित स्थान मिला 
वहाँ पर चले गये और कुछ 
इस अचानक आयी आपदा  में
कालकवलित भी हो गये।
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देखिए आज के कुछ ताजा चित्र-

6 टिप्‍पणियां:

  1. पूरा तंत्र ही फेल हो गया है बेहद खौफनाक और त्रासदी भरा दृश्य | प्रसासनिक लापरवाही के चलते लगता है पूरा उत्तराखण्ड ही प्राकृतिक आपदा के घने कुहासे में डूबता जा रहा है !

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  2. आपके द्वारा फैसला लिए जाने के पश्चात ...सरकारी अथवा विभागीय जाँच की आवश्यकता ही समाप्त कर दी गयी है ,क्यूंकि आप सम्भवतया सम्पूर्ण तथ्य के जानकार हैं |

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  3. लापरवाह होते अधिकारियों/कर्मचारियों पर कोई अंकुश लगाने वाला नहीं .... समय रहते कोई ध्यान नहीं देता फलतः ऐसी भयंकर घटनाएं होती हैं .. फिर एक दूसरे पर थोपने और लीपापोती का काम शुरू ..
    जल्दी से राहत मिले यही दुवा है

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  4. उफ़ ! वास्तव में एक सम्वेदनशील समाचार है और दुखद घटना ! यह दूषित असावधान व्यवस्था का जीवंत उदाहरण है !!

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