शुक्रवार, अप्रैल 01, 2011

"हमने भी मूर्ख बनाया" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

आज हमने भी मूर्ख बना कर 
लोगों का जायका बिगाड़ा।
आज मूर्ख दिवस है।
सुबह से ही लोग अपने खास चहेतों को 
मूर्ख बनाने के नये-नये तरीके इस्तेमाल कर रहे थे।
मैंने भी कई वर्षों पुराना अपना तरीका आज़माया।
बाजार से सन्तरे मँगाए और सुबह-सुबह
आधा दर्जन सन्तरों में
मलेरिया की दवा कड़वी कुनैन के 
इंजक्शन लगा दिये।
आज दिन भर में लोग आते रहे।
जो अपने खास मित्र आये उनके सामने ही
सन्तरा छीला गया और स्वागत में पेश किया गया।
जिसने भी एक फाँक मुँह में रखी 
उसके मुँह का आकार देखने लायक था।
कैसा रहा यह प्रयोग!
सभी मूर्खों को
मूर्ख दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!

7 टिप्‍पणियां:

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