बग्वाल मेला साल में रक्षा-बन्धन के दिन आता है। आज के दिन बहने अपने भाईयों को राखी बाँधती हैं।परन्तु उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल के चम्पावत जिले में एक स्थान ऐसा है, जहाँ यह अनोखा त्योहार मनाया जाता है। माँ वाराही का मन्दिर देवीधुरा में स्थित है। ![]() इसी मन्दिर के प्रांगण में आपस में पत्थर मारने का युद्ध शुरू किया जाता है। इसके लिए विधिवत् मन्दिर का पुजारी शंख बजा कर युद्ध करने आगाज करता है। बग्वाल खेलने वाले लमगड़िया, चमियाल, गहरवाल और बालिक कुलों के लोग चार खेमों में बँटे होते हैं। जब तक एक आदमी के रक्त के बराबर खून नही बह जाता है। तब तक यह युद्ध जारी रहता है। इसके बाद मन्दिर का पुजारी शंख बजा कर युद्ध का समापन करता है। इसकी ऐतिहासिकता के बारे में निम्न कथा प्रचलित है- पौराणिक कथा के अनुसार पहले देवी के गणों को प्रसन्न करने के लिए यहाँ पर नर बलि दी जाती थी। इसके लिए लमगड़िया, चमियाल, गहरवाल और बालिक कुलों के व्यक्तियों की बारी क्रम से आती थी। एक बार चमियाल कुल के एक परिवार की बारी आयी। लेकिन उस कुल में केवल एक ही इकलौता पुत्र था। परिवार की वृद्धा ने अपने इकलौते पौत्र को बचाने के लिए घोर तपस्या की। वृद्धा की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी जी ने आकाशवाणी करके कहा- "यदि लमगड़िया, चमियाल, गहरवाल और बालिक चारों कुलों के लोग मन्दिर प्रांगण में एकत्र होकर एक दूसरे को पत्थर मार-मार कर युद्ध करें। जब तक एक आदमी के रक्त की बराबर खून न बह जाये तब तक युद्ध जारी रहे। जैसे ही एक आदमी के रक्त के बराबर खून बह जाये, यह युद्ध बन्द कर दिया जाये। इससे देवी के गण प्रसन्न हो जायेंगे और नरबलि से छुटकारा मिल जायेगा।" तब से प्रतिवर्ष यहाँ बग्वाल का मेला लगता है और पत्थरमार का खेल चलता है। चोटिल व्यक्तियों के घावों पर बिच्छू घास का लेप लगाया जाता है। जिससे चोट का दर्द जल्दी ही ठीक हो जाता है। कहा जाता है कि तब से आज तक चली इस परम्परा में कोई जन-हानि नही हुई है। इस पत्थर युद्ध को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग ही नही अपितु विदेशों तक से पर्यटक भी आते हैं। (चित्र गूगल सर्च से साभार) |
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nice
जवाब देंहटाएंआस्था के नाम पर ऐसा होना भी दिल दहलाता है।
जवाब देंहटाएंबड़ी अद्भुत जानकारी ....आभार !
जवाब देंहटाएंनयी जानकारी मिली ..लेकिन आस्था में लोग क्या कुछ नहीं कर गुज़रते ...
जवाब देंहटाएंसहमत हूं,संगीता स्वरूप जी से ।
जवाब देंहटाएंcool post frd__________
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