गुरुवार, दिसंबर 03, 2009

"कहाँ सोया है उत्तराखण्ड का वन विभाग? " (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

!! बाघ (शेर) ने एक बालिका को फिर निवाला बनाया...!!

कहाँ सोया है उत्तराखण्ड का वन विभाग?

क्षेत्र के लोग कब तक शेर के मुँह का ग्रास बनते रहेंगे?

11 टिप्‍पणियां:

  1. विभाग अपना दायित्व निर्वहन करे तो क्या बात है.

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  2. वन क्षेत्रो के काम होने और अन्य क्षेत्रो से लेजाकर बाघों को उस क्षेत्र में छोड़ने की वजह से ये घटनाएं हो रही है, प्रशाशन के भरोसे रहना तो समय बर्बाद करने जैसा है, मगर इन जानवरों को वांट क्षेरो में प्रयाप्त भोजन न उपलब्ध हो पाना इसका प्रमुख कारन है !

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  3. सरकारी कर्मचारियों कर काम तनख्‍वाह लेना तक सीमित हो गया है .. हर क्षेत्र में समस्‍याएं तो आएंगी !!

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  4. उत्तराखंड के जंगलों से बाघों का भोजन मनुष्य खा गए,बाघों के रहने के छुपने के जंगल मनुष्य ने उजाड़ दिए
    बाघ कहाँ जाये बेचारा, भूखा मरे या बच्चों को
    खाए

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  5. bahut hi sankatgrast sthiti hai ...........shayad aapke lekh se kisi ke kaan par joon renge.

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  6. अत्यन्त दुखद घटना!!सच में वन विभाग और प्रशासन का ध्यान किधर है यह जो कुछ भी हो रहा है शर्मनाक है ..ऐसे कब तक जाने जाती रहेगी..

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  7. उत्तराखंड में तो ये भयानक हादसा हो गया! बहुत दुःख हुआ सुनकर! फिर आगे ऐसा हादसा न हो उसके लिए वन विभाग को जल्द ही कदम उठाना होगा!

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  8. बहुत ही दुखद एवं भयावह स्तिथि है...

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  9. soch raha hun kis baat ke liye vibhag ko kosa jaye, balika ki maut ke liye ya baagh ko bhukha maarne ke liye ya fi chupchap baith kar tamasha dekhne ke liye.. fir sochta hun, kya is ravaiye ke liye ham sab bhi utne hi jimmedar nahi...

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