tag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post6924811750567760726..comments2023-11-05T15:13:17.761+05:30Comments on मयंक की डायरी: ‘‘इस सुराज से तो अंग्रेजों का राज बहुत अच्छा था’’डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post-55454131776289992212009-06-18T16:54:21.396+05:302009-06-18T16:54:21.396+05:30राज भाटियाजी ने सही कहा है कोई कानून नहीं है। लेकि...राज भाटियाजी ने सही कहा है कोई कानून नहीं है। लेकिन इसकी वजह क्या है। इसकी वजह है सार्वजनिक जीवन में बढ़ता भ्रष्टाचार और उससे भी पहले समाज में जारी पैसों की होड़। यह समाज पैसों पर टिका है। इस व्यवस्था का शुद्ध राजनीतिक नाम पूंजीवाद है। पूंजीवाद खुद पैसों की होड़ शुरू करता है। लेकिन एक सीमा के बाद यह होड़ हर काम, व्यवस्था, कानून को तोड़ने-मरोड़ने लगती है। इसलिए यह समझना कि हिटलर आ जाएगा तो कोई समाधान हो जाएगा निरी बेवकूफी है। हिटलर इस समस्या का एक नया ही समाधान बताता है। उसके अनुसार इस सारी अव्यवस्था का कारण एक खास कौम या समुदाय है। क्या आप समस्या की जड़ यानी पैसों की अंधी होड़ को खत्म करना चाहेंगे या हिटलर के अनुसार किसी खास कौम या समुदाय को? किसी विचार को समर्थन करने से पहले समस्या की जड़ और उस खास विचार के बारे में जान लेना अच्छा रहता है। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हिटलर का नाम मानवता के दुश्मन के रूप में इतिहास में दर्ज है।Kapilhttps://www.blogger.com/profile/15871506466698035418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post-15506521691086663142009-06-18T01:45:01.138+05:302009-06-18T01:45:01.138+05:30आजादी तो सब को भाती है, लेकिन आज हम आजाद है ?? यह ...आजादी तो सब को भाती है, लेकिन आज हम आजाद है ?? यह हमारी भुल है, अग्रेजॊ के समय कानून था , ओर आज हमारे यहां जंगल का कानून है वरना हमारे देश मै किसी चीज की कमी नही.... काश एक हिटलर आये ओर १०,१५ साल मे सारी गन्दगी हटा दे. कोई ओर दुसरा रास्ता नही इस गन्दगी कॊ साफ़ करने के लियेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post-77735487084712887462009-06-17T20:50:09.270+05:302009-06-17T20:50:09.270+05:30गलत तुलना कर रहे हैं आप। उस जमाने और आज की नैतिकता...गलत तुलना कर रहे हैं आप। उस जमाने और आज की नैतिकता में फर्क आ गया है। शासक वर्ग के एक दो लोगों के व्यवहार से नहीं संपूर्णता में उसमें बहुत बड़ा बदलाव आया है। यकीन न हो तो इराक और अफगानिस्तान में अंग्रेज बहुत हैं। उनके कारनामे पता कीजिए। आज अगर अंग्रेज हमारे यहां हों तो हम भी इराक के लोगों की तरह उन्हें भगाने के लिए लड़ रहे होते।Kapilhttps://www.blogger.com/profile/15871506466698035418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post-63175243745311713422009-06-17T19:19:26.154+05:302009-06-17T19:19:26.154+05:30आज कल के हालात देख कर तो यही कहा जा सकता है..........आज कल के हालात देख कर तो यही कहा जा सकता है.......आप की बात सही है.....अपनी आजादी का जब हम दुरुपयोग करेगें तो यही कहना पडे़गा....परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post-33639208365738954422009-06-17T18:27:55.960+05:302009-06-17T18:27:55.960+05:30baat to kuch had tak sahi hai ki hamein achchi baa...baat to kuch had tak sahi hai ki hamein achchi baatein bhi sikhni chahiye phir chahe wo hamara dushman hi kyun na ho.....achchi baat kisi se bhi sikhi ja sakti hai aur kabhi bhi......angrejon ne chahe kitne hi julm kiye hamare desh aur nagrikon par magar ye baat to kabil-e-tarif hai........isse sabko shiksha leni chahiye.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post-56255194696305195582009-06-17T17:45:25.452+05:302009-06-17T17:45:25.452+05:30aap sahi farmaate hain
bada dukh hai ki ye sach h...aap sahi farmaate hain <br />bada dukh hai ki ye sach hai...............Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1664026311363064103.post-76302323934751102112009-06-17T17:30:47.118+05:302009-06-17T17:30:47.118+05:30mahoday ham bhi aapki baat se pure sahmat hain. ha...mahoday ham bhi aapki baat se pure sahmat hain. hamare netaon ne angrejon ki keval buri baaten hi sikhi achhi baaten nahi sikhi .tension pointhttps://www.blogger.com/profile/02092866969143339658noreply@blogger.com