वैद्य-डॉक्टरों का दिवस, देता यह सन्देश। योग-साधना से करो, तन में सबल निवेश।। -- वैद्यराज के नाम का, दीप जलाओ आज। जीवन जीनेे के लिए, अपना करो इलाज।। -- वैद्य हुए हैं अवतरित, करने को कल्याण। धन के बदले देह के, बचा लीजिए प्राण।। -- भेषज लाये धरा से, खोज-खोज भगवान। वैद्यराज संसार को, देते जीवनदान।। -- रोग किसी के भी नहीं, आये कभी समीप। सबके जीवन में जलें, हँसी-खुशी के दीप।। -- मात्र नहीं चेतावनी, केवल नहीं रिवाज। मना रहे हैं लोग सब, दिवस-चिकित्सक आज।। -- उर के मन्दिर में जलें, जगमग-जगमग दीप। कुन्दन जैसी देह को, चन्दन से लो लीप।। -- |
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रेरक दोहे।
जवाब देंहटाएंWah! Bahut sundar!
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