मंगलवार, मई 21, 2013

"न्यूज की परिभाषा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

न्यूज की परिभाषा
मित्रों!
     कल मेरी अपने एक मित्र से बातें हो रही थी। बातों-बातों में समाचार पत्रों का प्रकरण भी आ गया। मैंने अपने मित्र से कहा कि पहले समाचार पत्रों के सम्वाददाता बहुत विद्वान हुआ करते थे परन्तु आजकल तो समाचारपत्रों के सम्वाददाता नगर के छँटे हुए ही बन पाते हैं। इसीलिए साहित्यिक समाचारों को अक्सर अख़बार में जगह नहीं मिल पाती है। जबकि हत्या, चोरी-डकैती, लूट और बलात्कार की घटनाओं को बहुत मोटे शीर्षकों में चित्र के साथ छापा जाता है!
     मेरे मित्र ने कहा कि उसकी किसी अख़बार के रिपोर्टर से इस विषय पर बात हो रही थी। इस प्रकरण पर उसने  मुझे न्यूज की परिभाषा बताते हुए कहा था- मास्टर पढ़ाता है तो यह उसका कर्तव्य है, कवि काव्यपाठ करता है तो यह उसकी चर्चा का अंग है। इसमें न्यूज कहाँ हुई?
     न्यूज तो वह होती है कि अमुक स्थान पर बलवा हुआ, अमुक स्थान पर बम फटा, अमुक् जगह पर मर्डर हो गया, बलात्कार हो गया, सरेआम किसी की पिटायी हो गयी आदि-आदि...।
     हमारे अनुसार तो न्यूज की यही परिभाषा है।